राजस्थान में बंद हुई ये योजना, भजनलाल सरकार ने युवाओं को दिया बेरोजगारी का तोहफा?
Rajsthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार में आते ही सोमवार को गहलोत राज की सरकार को बड़ा झटका दिया है। उन्होनें फैसला लेते हुए सोमवार को गहलोत राज की योजना को बंद कर दिया। इस योजना का नाम राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना था। सांख्यिकी विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर योजना को 31 दिसंबर को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल इस योजना के बंद होने से अब प्रदेश के 50 हजार युवा बेरोजगार हो जाएंगे। इस योजना की शुरुआत सरकार ने 2021-22 में की थी। योजना के अंतर्गत सरकार के अलग-अलग विभागों में युवाओं को 6 महीने से 2 साल तक की इंटर्नशिप करवाई जाती थी। इस दौरान युवा मित्रों को हर माह 10 हजार रुपये दिए जाते थे। इस योजना के जरिये सरकार की योजनाओं का प्रचार करवाया जाता था।
फिजूलखर्ची रोकना चाहती है सरकार
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जानकारी के मुताबिक सरकार ने इस योजना को इसलिए बंद किया है क्योंकि सरकार फिजूलखर्ची वाली योजनाओं को बंद करना चाहती है। खबरों की माने तो भजनलाल सरकार गहलोत राज की फ्लैगशिप योजनाओं को छोड़कर वे सभी योजनाएं बंद करेगी जो फिजूलखर्ची को बढ़ावा देती है। क्योंकि सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद है।
बता दें इस योजना से राज्य पर कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा था। आरबीआई की रिपोर्ट की मानें तो 2022-23 में राजस्थान का कुल कर्ज 5 लाख 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। जो कि एक साल पहले तक 4 लाख 58 हजार करोड़ रुपये था। कर्ज के मामले में पंजाब के बाद राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है।
सुशासन दिवस पर भजनलाल शर्मा के बोल
सोमवार सुबह सुशासन दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा था कि “गहलोत राज की कोई भी योजना बंद नहीं होंगी। बल्कि उन्हें और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिंरजीवी योजना का दायरा बढ़ाकर उसे 25 लाख तक किया जाएगा। वहीं अस्पतालों में दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।”
नए साल पर बेरोजगारी का उपहार
राजीव गांधी युवा मित्र योजना बंद होते ही पूर्व सीएम गहलोत ने भजनलाल सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि “सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे युवाओं की इस योजना को बंद करना ठीक नहीं है। ये सभी युवा घर-घर जागरूकता फैलाकर सरकार की मदद कर रहे थे। सरकार को अगर इस योजना से कोई दिक्कत थी तो इसका नाम अटल बिहारी के नाम पर कर सकती थी लेकिन योजना बंद नहीं करनी चाहिए थी।”
योजनाओं को बंद-चालू का चलन पूराना है
बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस और भाजपा सरकार योजनाएं बंद-चालू या नाम बदलकर चलाती रही हैं। जैसे कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुई योजना राजीव गांधी सेवा केंद्र का नाम बदलकर भाजपा सरकार ने अटल सेवा केंद्र कर दिया था। वहीं भाजपा सरकार के समय शुरू हुई भामाशाह योजना को बंद कर सरकार ने जन आधार कार्ड योजना को शुरू किया था।
गोविंद सिंह डोटासरा का बीजेपी पर निशाना
योजना को बंद करने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा “भाजपा सरकार ने नए साल से पहले इस योजना पर कैंची चलाकर हजारों युवाओं को बेरोजगारी का गिफ्ट दे दिया।”
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