अगर भारत ने नहीं दिया साथ तो अधर में लटक जाएंगी ये परियोजनाएं, रूस ने दी धमकी, जानिए क्या है वजह
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत का सबसे मजबूत दोस्त कहा जाने वाला देश रूस ने भारत को धमकी दी है और कहा है कि अगर भारत एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) में हमारा सहयोग नहीं करता है और FATF की ‘ब्लैक लिस्ट या ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल होने से नहीं बचाता है, तो वह भारत के साथ रक्षा और ऊर्जा डील को खत्म कर देगा। इसको लेकर अभी तक भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
कैसे काम करती है FATF
The FATF has updated its statements identifying high-risk and other monitored jurisdictions. Nigeria has entered the FATF’s Jurisdictions under Increased Monitoring list, often referred to as the 'grey list', following the conclusion of the FATF Plenary.#Nigeria
1/2 pic.twitter.com/6Jet1E1Jyv— FATF (@FATFNews) February 24, 2023
FATF (Financial Action Task Force) एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करती है। FATF द्वारा जिस देश को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाता है उस पर निगरानी बढ़ा दी जाती है और उस देश को दी जाने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी जाती है।
एक एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पर्दे के पीछे से रूस ने भारत सहित ग्लोबल साउथ के कई देशों पर FATF की लिस्ट से बचाने के लिए दबाव बनाया है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यूक्रेन से युद्ध के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स जून में रूस को ‘ब्लैक लिस्ट’ या ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल कर सकता है। और यही कारण है कि रूस खुद को आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ने से बचाने के लिए भारत को रक्षा और ऊर्जा सौदों को खत्म करने की धमकी दे रहा है।
भारत करे इसका विरोध- रूस
सदस्यता रद्द करने के बाद से ही रूस की चेतावनी जारी है रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में एक रूसी स्टेट एजेंसी ने भारतीय समकक्ष को चेतावनी दी थी कि अगर एफएटीएफ ने रूस को ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में शामिल किया तो ऊर्जा, डिफेंस और ट्रांसपोर्टेशन क्षेत्र में इसके बहुत ही गंभीर परिणाम होंगे।
रूसी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, “यह बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है. रूस की ओर से यह एक तरह से अप्रत्याशित और नकारात्मक परिणामों को लेकर चेतावनी है।” रूसी एजेंसी ने FATF के इस कदम को राजनीतिक और अवैध करार देते हुए भारत से इसका विरोध करने का आग्रह किया है।
भारत ने नहीं दिया है कोई जवाब
उन्होंने कहा है कि अगर रूस को ग्रे लिस्ट में भी डाला जाता है, तो भारत के लिए यह कठिनाइयों का कारण होगा। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि भारत ने इन चेतावनियों का कोई जवाब दिया है या नहीं. इसके अलावा, रूस या भारत में से किसी भी देश की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश पहले से ही रूस पर काफी प्रतिबंध लगा चुके हैं. फिलहाल रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगे हुए हैं. इसके बाद रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए चीन, भारत और ताइवान जैसे देशों के साथ संबंधों को बेहतर करने की कोशिश की है। हालांकि, अगर एफएटीएफ रूस को ब्लैक लिस्ट कर देता है, तो इन देशों को भी रूस के साथ व्यापार जारी रखना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इससे रूसी अर्थव्यवस्था ढह सकती है।
अधर में लटक सकती हैं कई परियोजनाएं
इससे पहले मई में भी रूस ने कहा था कि भारत FATF में शामिल एक विश्वसनीय सदस्य है। लेकिन यह दुख की बात है कि भारत ने हमारे ऊपर लगे निलंबन का विरोध नहीं किया। अगर एफएटीएफ रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में डालता है, तो तेल कंपनी रोजनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर असर पड़ सकता है।
रूसी हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग भी खतरे में पड़ सकते हैं। फरवरी में एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में नई संयुक्त विमानन परियोजनाओं के लिए रूसी प्रस्ताव पेश किए गए थे. यह परियोजना भी अधर में लटक सकती है। भारत के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग भी खत्म हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एफएटीएफ की लिस्ट में शामिल होने से बचाने के लिए रूस जिस तरह से भारत पर दबाव बना रहा है, वह काफी संवेदनशील है। रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है. इसके अलावा आर्थिक प्रतिबंध और प्राइस कैप लागू होने के बावजूद भारत रियायती कीमतों पर रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है. हालांकि, आर्थिक प्रतिबंध से उत्पन्न हुई भुगतान समस्या के कारण भारत रूस से जरूरी हथियार नहीं खरीद पा रहा है।
क्या है FATF?
1989 में पेरिस जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान FATF का गठन हुआ था। यह एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली अपराध को रोकना और आतंकवाद पर रोक लगाना है। भारत 2006 में ऑब्जर्वर स्टेटस के साथ इसका सदस्य बना था। 2010 में भारत इसका स्थायी सदस्य बन गया. FATF ने फरवरी 2023 में रूस की सदस्यता को रद्द कर दिया था।
सदस्यता रद्द करते हुए FATF ने कहा था कि निलंबन के बाद भी रूस पर निगरानी जारी रहेगी, ताकि रूस संगठन के मानकों को लागू करने के लिए जवाबदेह रहे। प्रत्येक बैठक में संगठन इस बात पर विचार करेगा कि रूस पर लगे प्रतिबंधों को हटाया जाए या संशोधित किया जाए।