प्रधानमंत्री ने किया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का उद्घाटन, संबोधन में बोली इतनी बड़ी बात
International Museum Expo : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का उद्घाटन किया। बता दें 47वें इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो (International Museum Expo) का आयोजन किया गया है।
सुत्रों की माने तो इस बार एक्सपो की थीम म्यूजियम सस्टेनेबिलटी एंड वेल्ड बीइंग पर आधारित है। इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का शुभंकर चेन्नापट्नम कला शैली में लकड़ी से बनी डांसिंग गर्ल का समकालीन संस्करण है।
देश की विरासत को संरक्षित करने को दी प्राथमिकता
#WATCH | PM Narendra Modi at International Museum Expo 2023 in Pragati Maidan, Delhi pic.twitter.com/UNn4jvWUIl
— ANI (@ANI) May 18, 2023
उद्घाटन (International Museum Expo) के दौरान प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने प्राचीन भारतीय कला और प्राचीन वस्तुओं की तस्करी के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने लोगों से ऐतिहासिक कलाकृतियों के संरक्षण को अपना स्वभाव बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश की विरासत को संरक्षित करने को प्राथमिकता दी है, यहां तक कि उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि आजादी के बाद इस दिशा में पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए।
हमारे धरोहरों के प्रति जागरुकता की कमी ने पहुंचाई ज्यादा क्षति
लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने इस क्षति को ज्यादा बढ़ा दिया इसलिए आज़ादी के अमृतकाल में भारत ने जिन ‘पंच-प्राणों’ की घोषणा की है, उनमें अपनी विरासत पर गर्व प्रमुख है। अमृत महोत्सव में हम भारत की धरोहरों को सरंक्षित करने के साथ ही नई सांस्कृतिक बुनियादी ढांचा बना… https://t.co/kEqAx1VByD pic.twitter.com/JoOxChcl7X
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2023
उन्होंने संग्रहालय (International Museum Expo) पर बात करते हुए कहा कि जब हम किसी संग्रहालय में जाते हैं तो हमें बीते हुए कल से हमारा परिचय हो रहा होता है। संग्रहालय में जो दिखता है वो तथ्यों के आधार पर होता है। संग्रहालय में एक ओर अतीत से प्रेरणा मिलती है तो दूसरी ओर भविष्य के प्रति अपने कर्तव्य का बोध होता है।
इस दौरान उन्होंने लोगों का ध्यान धरोहरों की तरफ आर्कषित करते हुए कहा कि आज हमारे लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने इस क्षति को ज्यादा बढ़ा दिया इसलिए आज़ादी के अमृतकाल में भारत ने जिन ‘पंच-प्राणों’ की घोषणा की है, उनमें अपनी विरासत पर गर्व प्रमुख है। अमृत महोत्सव में हम भारत की धरोहरों को सरंक्षित करने के साथ ही नई सांस्कृतिक बुनियादी ढांचा बना रहे हैं।
कांग्रेस सरकार के ऊपर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की लंबी अवधि के कारण देश की लिखित और अलिखित विरासत भी नष्ट हो गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल भारत का नुकसान नहीं है, यह पूरे विश्व का नुकसान है और दुर्भाग्य से, हमारी विरासत को संरक्षित करने के लिए आजादी के बाद जो प्रयास किए जाने चाहिए थे, वे नहीं किए गए। उन्होंने लोगों से ऐतिहासिक कलाकृतियों के संरक्षण को अपना स्वभाव बनाने का भी आग्रह किया।
वो उदाहरण देते हुए बोले, प्रत्येक घर को एक पारिवारिक संग्रहालय बनाना चाहिए जिसमें वे अपने पूर्वजों और बड़ों की चीजों को संरक्षित करें। स्कूलों और संस्थानों को भी अपना संग्रहालय बनाना चाहिए।
“ए डे एट द म्यूजियम” नामक एक ग्राफिक उपन्यास कार्ड का अनावरण
इस आयोजन (International Museum Expo) के दौरान, प्रधानमंत्री(NARENDRA MODI) ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के शुभंकर, “ए डे एट द म्यूजियम” नामक एक ग्राफिक उपन्यास, भारतीय संग्रहालयों की एक निर्देशिका, कर्तव्य पथ का एक पॉकेट मैप और संग्रहालय कार्ड का भी अनावरण किया। ग्राफिक उपन्यास राष्ट्रीय संग्रहालय में आने वाले बच्चों के एक समूह को चित्रित करता है जहां वे संग्रहालय में उपलब्ध करियर के विभिन्न अवसरों के बारे में सीखते हैं।
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