April 27, 2024

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मध्य प्रदेश सरकार का हिंदू मंदिरों को लेकर बड़ा फैसला, जानिए मुख्यमंत्री ने अपने किन वादों को निभाया

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Shivraj Singh Chouhan

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने अपना वादा निभाते हुए अपने उस फैसले पर मुहर लगा दी है जिसका वादा उन्होंने एक महीने पहले अप्रैल में किया था। उन्होंने अप्रैल में वादा किया था कि अब प्रदेश में हिंदू मंदिरों की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा और मंदिर की जमीनों की नीलामी कलेक्टर नहीं बल्कि पुजारी ही कर सकेंगे।

शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) ने निजी मंदिरों के पुजारियों को भी सम्मानजनक मानदेय देने की बात की थी। अब उनकी सरकार ने इन फैसलों पर मुहर लगा दी है।

मंदिर की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त बनाएंगे

इस फैसले की जानकारी देते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले में ऐसे मंदिर जिनके प्रबंधन कार्य राज्य सरकार देख रही थी वहां 10 एकड़ तक कृषि क्षेत्र वाली जमीन से होने वाले आय वहां के पुजारियों के पास जाएगी जबकि बाकी जमीनों को खेती के नीलाम किया जाएगा और उनसे आने वाले रुपयों को मंदिर के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिरों की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए भी सरकार की तरफ मे अभियान शुरु किए जाऐंगे।

गरीब पुजारियों के जीवन यापन के लिए ये फैसले

Shivraj Singh Chouhan

हिन्दू मंदिरों के लिए शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है। पिछले साल पुजारियों को बढ़ा हुआ मानदेय देने के आदेश जारी किए गए थे। जिन मंदिरों या पुजारियों के पास कृषि योग्य भूमि नहीं है, उन्हें 5000 रुपए का मासिक भत्ता दिया जा रहा है।

जिन मंदिरों या पुजारियों के पास 5 एकड़ कृषि भूमि है, उन्हें भी ढाई हजार रुपए हर महीने मिलेंगे। गरीब पुजारियों के जीवन-यापन के लिए राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री लाड़ली योजना की शुरुआत

Shivraj Singh Chouhan

इसके अलावा मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने और भी बड़े फैसले लिए हैं। ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना’ के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए दिए जाने के लिए बजट का आवंटन भी कर दिया गया है।

सीएम चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ के तहत युवक-युवती काम सीखेंगे और साथ में ₹8 हजार से ₹10 हजार तक प्रतिमाह कमाएँगे भी। उन्होंने बेरोजगारी भत्ता की जगह स्किल डेवलपमेंट करने और उसके बदले पैसे देने पर जोर दिया।

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