IAS Tina Dabi की इस फैसले से कई हिन्दू परिवारों का उजड़ा घर, सोशल मीडिया पर हो रही है जमकर आलोचना
RAJSTHAN: अपने फैसलों से ज्यादातर चर्चाओं में रहने वाली IAS अफसर टीना डाबी (IAS Tina Dabi) एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनके उस आदेश की हर तरफ जमकर आलोचना हो रही है जहां उनके आदेश के बाद जैसलमेर में पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं (Pakistani Hindus) के कच्चे घरों को ढहा दिया गया है।
टीना डाबी (IAS Tina Dabi) इस फैसले की वजह से इतनी गर्मी में कई परिवार अब खुले आसमान के नीचे गुजर करने को मजबूर हैं, 150 से ज्यादा लोग जिनमें बच्चे भी शामिल हैं।
जिलाधिकारी टीना डाबी के आदेश पर चला बुलडोजर
दरअसल मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर की जिलाधिकारी टीना डाबी (IAS Tina Dabi) के आदेश पर पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया है। जिसके बाद कई शरणार्थियों को अब इतनी गर्मी में खुले में रहने पर मजबूर होना पड़ा इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
बुलडोजर चलवाने की वजह जानने पर जैसलमेर प्रशासन द्वारा बताया गया कि ये लोग जैसलमेर के अमर सागर तालाब के किनारे अवैध मकान बनाकर रह रहे थे, जिसके कारण तालाब के पानी की आवक रुक गई थी. साथ ही यह भूमि काफी कीमती भी बताई जा रही है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई थी।
बुलडोजर चलाने से पहले क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। घर गिरने के बाद कई शरणार्थी हिंदू परिवार बेघर हो कर खुले आसमान के नीचे आ गए। भीषण गर्मी में उनके घरों की महिलाओं और बच्चों का भी बुरा हाल हो गया। जैसलमेर प्रशासन की इस इस कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जमीन अतिक्रमण को लेकर कई बार हुई शिकायत
एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक जैसलमेर के अमर सागर इलाके में लम्बे समय से कई शरणार्थी हिंदू परिवार रह रहे थे। वे पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान होकर परिवार सहित यहाँ आकर बसे थे। जिलाधिकारी टीना डाबी (IAS Tina Dabi) के बस्ती को खाली कराने के आदेश का पालन करने के लिए UIT के सहायक इंजिनीयर मंगलवार को भारी पुलिस बल के साथ पहुँचे थे।
जैसलमेर शहर से अमरसागर केवल 5 किमी दूर है। यहाँ के सरपंच ने जिला कलेक्टर टीना डाबी (IAS Tina Dabi) और यूआईटी से ग्राम पंचायत की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर कई बार शिकायत की थी।
इससे पहले भी जैसलमेर जैसी ही कार्रवाई 24 अप्रैल 2023 को जोधपुर में भी हुई थी। वहाँ चोखा गाँव में जोधपुर विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के नाम पर शरणार्थी हिन्दुओं के घरों पर बुलडोजर चलाया गया था। इस कार्रवाई के शिकार हुए अधिकतर लोगों के पास भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा तो है, लेकिन अब तक उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली है।
हम लोगों के पुनर्वास के लिए कुछ नहीं हुआ
पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए किशनराज भील ने बाताया कि पाकिस्तान में हमारी पूरी कल्ला क्रेसर भील बस्ती को उखाड़ दिया गया और हम वहां बर्बाद हो गए इसके बाद हम बड़ी उम्मीद के साथ भारत आए लेकिन हम यहां भी बर्बाद हो गए हमारे मकानों को तोड़ दिया गया अब इतनी गर्मी में हम अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं।
उन्होंने कहा कि हमने अपने पुर्नवास की मांग की और जन सुनवाई के दौरान भी अपनी मांग रखी थी। मगर, हमारी एक न सुनी गई और सोमवार शाम को यूटीआई ने बस्ती खाली करने का नोटिस दिया था फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर दी गई, लेकिन हम लोगों के पुर्नवास के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
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