May 2, 2024

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भारत के इस मंदिर पर बढ़ा धंसाव का खतरा, मंदिर में आया 5 से 6 डिग्री का झुकाव

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Tungnath Shiva Temple

Tungnath Shiva Temple: भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand) में मौजूद दुनिया के सबसे ऊंचे तुंगनाथ शिव मंदिर को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अध्ययन के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं जिसके बाद एएसआई ने इस की मुख्य वजह के पता लगाने की प्रक्रिया को शुरु कर दिया है।

मंदिर में आया 5 से 6 डिग्री का झुकाव

दरअसल एएसआई के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग जिले में 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर मौजूद पंच केदारों में से एक तुंगनाथ शिव मंदिर (Tungnath Shiva Temple) झुक रहा है और मंदिर में 5 से 6 डिग्री का झुकाव आया है। वहीं मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर में भी 10 डिग्री तक का झुकाव देखने को मिला है।

वहीं एएसआई के अधिकारियों ने एक अखबार को बताते हुए कहा कि उनकी टीम ने केंद्र सरकार को इस बात से और इनके निष्कर्षों से अवगत करा दिया है कि मंदिर (Tungnath Shiva Temple) को संरक्षित स्मारक के रुप में शामिल किया जाए।  एक अधिकारी ने कहा कि, “सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत जनता से उनकी राय माँगने के लिए एक अधिसूचना जारी भी की गई है। एएसआई नुकसान की मुख्य वजह का पता लगाएगा, ताकि इसकी तुरंत मरम्मत की जा सके।”

मंदिर के झुकाव और डैमेज के कारणों का लगाएंगे पता

Tungnath Shiva Temple

ASI की देहरादून सर्किल के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट मनोज कुमार सक्सेना ने बताया, “सबसे पहले हम तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Shiva Temple) में झुकाव और डैमेज के कारणों का पता लगाएँगे और अगर संभव हुआ तो तुरंत इसकी मरम्मत का काम शुरू करेंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर के निरीक्षण के बाद एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।”

वहीं, एएसआई के अधिकारी इस बात को भी देख रहे हैं कि कहीं मंदिर की जमीन नीचे की तरफ तो नहीं धँस रही है, जिसके कारण मंदिर में झुकाव हुआ है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर क्षतिग्रस्त नींव के पत्थरों को बदला जाएगा। फिलहाल एएसआई ने मुख्य मंदिर की दीवारों पर ग्लास स्केल को फिक्स कर दिया, जो मंदिर की दीवार पर मूवमेंट को माप सकता है।

बद्री केदार मंदिर समिति करता है देख रेख

Tungnath Shiva Temple

बता दें कि तुंगनाथ (Tungnath Shiva Temple) को दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर माना जाता है, जिसे 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने बनवाया था। यह बद्री केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के प्रशासन के तहत आता है। इस संबंध में बीकेटीसी को भी एक पत्र भेजा गया है।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस मैटर को हाल ही में संपन्न हुए बोर्ड की मीटिंग में उठाया गया, जहाँ सभी लोगों ने एएसआई के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। हम सभी इस मंदिर को उसके वास्तविक स्वरूप में वापस लाने के लिए एसआई की सहायता करने को तैयार हैं, लेकिन इसे उन्हें पूरी तरह से सौंपने के पक्ष में नहीं है।

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