May 10, 2024

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MP Elections: मतगणना से पहले बैलेट पेपर पर राजनीति, Congress ने साधा निशाना

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Kamal Nath

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MP Elections: 17 नवंबर को मध्य प्रदेश में वोट पड़ चुके हैं जिसका रिजल्ट 3 दिसंबर को घोषित होने वाला है। रविवार 3 दिसंबर को ही पता चटल पाएगा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार ही वापसी करेगी या फिर कांग्रेस सत्ता में आएगी। मगर, रिजल्ट से पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को कई सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया गया है साथ ही पूर्व सीएम कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी अपने एक्स) हैंडल पर इस वीडियो को शेयर किया है।

डीएम को किया जाए निलंबित

वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग स्ट्रांग रूम से पोस्टल वोट निकालकर गिन रहे हैं। वीडियो बालाघाट का बताया जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद ही कांग्रेस भाजपा सरकार पर आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि बालाघाट के कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने स्ट्रांग रूम से पोस्टल वोट निकालकर उनमें हेराफेरी की है। इसी के साथ पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि बालाघाट कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा के साथ ही इस काम में शामिल कर्मचारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।

पूर्व सीएम ने भी शेयर की वीडियो

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बता दें कि इस वीडियो को कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश के बालाघाट ज़िले में पोस्टल बैलेट को मतगणना से पहले ही खोले जाने और छेड़छाड़ की आशंका का एक वीडियो सामने आया है, जिसकी शिकायत निर्वाचन आयोग में कांग्रेस पार्टी ने की है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की” जानी चाहिए. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाहन करता हूँ कि वे मुश्तैद रहें और कोई गड़बड़ी ना होने दें।

कंफ्यूजन के कारण हुई समस्या

बता दें कि ये मामला जैसा दिखाया जा रहा है वैसा नहीं है। ये बात हम नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता ही कह रहे हैं। दरअसल पोस्टर बैलेट मतदान की 2 दिसंबर से पहले गिनती किए जाने वाले मामले की शिकायत बालाघाट जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष शफखत खान ने की है। बाद में जब मामले की जांच की गई तो बालाघाट डीएम की शिकायत किए जाने के मामले में शफखत खान ने कहा कि ये सब कंफ्यूजन के कारण हुआ है।

नियम के अनुसार काम कर रहे थे डीएम

शफखत खान ने बताया कि डीएम नियम के अनुसार काम कर रहे थे। शफखत का कहना है कि जब वे लोग निर्वाचन कार्यालय गए तो पोस्टल वोट के बंडल बनाए जा रहे थे। नियम यह है कि पोस्टल बैलेट के पचास-पचास के बंडल बनाकर उनको विधानसभावार छांटा जाए, जिसके बाद में मतगणना के समय यानि दो तारीख को उन्हें गिना जाएगा, लेकिन यहां मौजूद मतदान कर्मी ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहे थे, जिसके कारण बाद में कलेक्टर साहब और एसडीएम से बात की गई और तब कंफ्यूजन भी दूर हुई।

 

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