April 27, 2024

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Madras High Court: अजीबो गरीब केस सामने लाने वाला कोर्ट आज फिर सुर्ख़ियों में, लोइस सोफिया के खिलाफ दर्ज मामला किया रद्द

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Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट अपने अजीबों-गरीब मामलो की वजह से हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। पिछले कुछ केसों के मुकाबले यह केस काफी पेचीदा नज़र आ रहा है। हाल ही में पता चला है कि मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने अपने आदेश में कहा कि लोइस सोफिया के खिलाफ दर्ज मामले में उनको अपराधी मानना गलत होगा क्योंकि यह मामूली घटना है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने लोइस सोफिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है।

क्या है मामला?

madras high court

2018 में, लोइस सोफिया को चेन्नई-थूथुकुडी उड़ान में कथित तौर पर भाजपा के खिलाफ नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें तत्कालीन तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन भी शामिल थीं। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने बुधवार को कनाडा स्थित तमिल छात्र लोइस सोफिया के खिलाफ थूथुकुडी में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने कार्रवाई को तुरंत रद्द कर दिया गया।

न्यायमूर्ति पी. धनबल ने कहा मामला मामूली

Four new judges of Madras High Court take oath of office - The Hindu

न्यायमूर्ति पी. धनबल ने कहा कि यह कोई अपराध नहीं है और मामला मामूली सा है। अदालत ने थूथुकुडी में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही को रद्द कर दिया। अदालत 2019 में लोइस सोफिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपने खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी। 2018 में, लोइस सोफिया को चेन्नई थूथुकुडी फ्लाइट में कथित तौर पर भाजपा के खिलाफ नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें तत्कालीन तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई साउंडराजन भी शामिल थे। बाद में, थूथुकुडी हवाई अड्डे पर इस मुद्दे पर दोनों के बीच बहस हो गई।

लोइस सोफिया ने भाजपा सरकार को कहा फासीवादी’

सूत्रों के मुताबिक़ ऐसा कहा गया था कि लोइस सोफिया ने भाजपा सरकार को ‘फासीवादी’ कहा था। उनके खिलाफ थूथुकुडी जिले में पुदुक्कोट्टई पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और बाद में जमानत पर बाहर आ गईं। उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करते हुए, अदालत ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 155 के तहत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था और पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (1) (बी) जोड़ दी थी। एफआईआर में अदालत ने कहा कि तमिलनाडु सिटी पुलिस अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे।

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