INDIA Alliance: यूपी में टूटा इंडी गठबंधन, सीट बंटवारे को लेकर नहीं बनी बात, सपा में भी तकरार
INDIA Alliance: इंडिया गठबंधन अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। जोरों-शोरों से बना यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में तमाम कोशिशों के बाद भी टूट गया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई है। वहीं खबरों से पता चला है कि सपा गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ेगी। जिसके तहत हो सकता है कि दोनों ही पार्टी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ें।
कांग्रेस मांगे 20 सीटें
बता दें कि एक लम्बे वक्त से सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत चल रही थी। लेकिन दोनों के बीच बात नहीं बन पाई। वहीं खबरों के मुताबिक सपा की तरफ से कांग्रेस को 17 सीटों का ऑफर भी दिया गया था। लेकिन कांग्रेस ने कुल 20 सीटों की मांग की थी।
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कांग्रेस को ऑफर की गई सीटों की सूची
खबरों के अनुसार सपा की ओर से कांग्रेस को जिन सीटों का ऑफर दिया गया था उसमें रायबरेली, वाराणसी, अमरोहा, बागपत, सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, हाथरस, झांसी, बाराबंकी, कानपुर, सीतापुर, कैसरगंज, महाराजगंज और अमेठी की सीट शामिल थी। लेकिन कुछ सीटें थी जिसको लेकर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद बना रहा।
झलकी कांग्रेस की नाराजगी
गौरतलब है कि सपा ने जब अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, उस समय सपा की तरफ से कुछ ऐसी सीटों पर भी उम्मीदवारों का ऐलान किया गया था, जिससे कांग्रेस को दिक्कत थी। इसके आलावा कांग्रेस की नाराजगी के कई सारे संकेत भी मिले थे।
मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा
दरअसल सपा कांग्रेस से भी अलग हो गई है साथ ही सपा के दिग्गज नेता भी एक-एककर उनकी पार्टी छोड़ते नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा से भी इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ स्वामी ने विधान परिषद की सीट से भी त्यागपत्र दे दिया है।
सुखद वातावरण में काम का मिला अवसर
सपा से इस्तीफा देते हुए स्वामी ने अखिलेश को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि- ”आपके नेतृत्व में सुखद वातावरण में कार्य करने का अवसर मिला। दिनांक 12 फरवरी 2024 को हुई बातचीत एवं दिनांक 13.02.2024 को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल न करने के फलस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्य से भी त्याग-पत्र दे रहा हूं।”
इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें
एमएलसी सीट से इस्तीफा देते हुए स्वामी ने लिखा- मैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उत्तर-प्रदेश निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद्, उ०प्र० निर्वाचित हुआ हूं। मैंने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, नैतिकता के आधार पर विधान परिषद्, उ०प्र० की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं। कृपया स्वीकार करने की कृपा करें।
सपा में होता है भेदभाव
इससे पहले बीते मंगलवार स्वामी प्रसाद ने महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया था कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है। एक चिट्ठी में स्वामी प्रसाद ने लिखा था कि ”वह नहीं समझ पा रहें हैं कि एक राष्ट्रीय महासचिव होते हुए भी, कोई भी बयान निजी बयान हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे भी हैं, जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है, एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान कैसे हो जाता है? यह समझ के परे है।”
पच्चासी हमारा है, 15 में बंटवारा है
स्वामी प्रसाद ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि ”जब से मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ। तब से लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। सपा में शामिल होने के दिन ही मैंने नारा दिया था- पच्चासी तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है।”
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