Bipar Joy Cyclone : गृहमंत्री अमित शाह ने लिया प्रभावित क्षेत्रों का जायजा, अस्पताल पहुंचकर की लोगों से मुलाक़ात
Bipar Joy Cyclone : दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय एक दिन पहले गुजरात के तट से टकराकर आगे की तरफ तो बढ़ गया लेकिन अपने पीछे तबाही के कई मंजर छोड़कर चला गया. इस तूफ़ान (Bipar Joy Cyclone) से कितना नुकसान हुआ है. इसका आकलन करना अभी थोड़ा मुश्किल है. लेकिन टूटे घर, बिखरे सामान और उखड़े पेड़ हालात बयां कर रहे हैं.
इन्ही हालातों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. उन्होंने हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का परीक्षण किया. साथ ही मांडवी सिविल अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.
पुख्ता तैयारियों से नहीं हुई जनहानि
Gujarat | Union Home Minister Amit Shah visited Mandvi Civil Hospital and met the people admitted there. pic.twitter.com/JLVbovreQd
— ANI (@ANI) June 17, 2023
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक़ इस तूफ़ान (Bipar Joy Cyclone) ने राज्य के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों के 8 जिलों में सबसे ज्यादा तबाही मचाई. हालांकि, पूर्व जानकारी और पुख्ता तैयारियों के कारण कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि करीब छह सौ पेड़ सड़कों पर गिर गए, जिन्हें हटाया जा रहा है आपको बता दें कि समय रहते ही कम से कम 1 लाख लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था.
बिपरजॉय (Bipar Joy Cyclone) से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात पहुंचेंगे. इस दौरान पहले वह प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और उसके बाद मुख्यमंत्री और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे. बाद में, गृह मंत्री भुज में स्वामी नारायण मंदिर जाएंगे और प्रभावित लोगों के लिए खाद्य सामग्री और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करेंगे.
इससे पहले के तूफानों में हुआ था भारी नुकसान
बता दें कि साल 1998 में आये तूफ़ान से गुजरात में लगभग 4000 लोगों ने जान गवाई थी. वही स्थानीय मीडिया के अनुसार 2001 में आये तूफ़ान में यह आंकड़ा लगभग 100 के करीब था. लेकिन इसबार की पुख्ता तैयारियों के कारण कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि राज्य के कई हिस्सों में अभी भी लगातार बारिश हो रही है और खतरे का माहौल बना हुआ है. जिससे निपटने के लिए सेना और एनडीआरएफ पूरी मुस्तैदी से तैयार हैं.
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