Gazipur Lok Sabha Elections 2024: क्या अफजाल को मात दे पाएंगे बीजेपी के पारस, गाजीपुर में खिलेगा कमल?
Gazipur Lok Sabha Elections 2024: भाजपा ने मुख्तार अंसारी के क्षेत्र गाजीपुर से चुनावी रणनीति तैयार करते हुए एक बड़ा दाव खेला है। गाजीपुर सीट से पारस नाथ राय को टिकट देकर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने चुनावी मैदान में उतारा है। पहले भी देखा जा चुका है कि गाजीपुर मे कैसे मुख्तार का दबदबा रहा है? 2019 में बीजेपी को गाजीपुर सीट से हार मिली थी। उस वक्त सपा-बसपा गठबंधन की वजह से केंद्र की भाजपा सरकार को जीत नसीब नहीं हुई। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने गाजीपुर से चुनावी बागुल बजाने की तैयारी कर ली है। पारस नाथ ने भी टिकट मिलने के बाद विपक्ष पर हमला बोला है – ‘चाहे सामने एक बार का सांसद हो या पांच बार का। मुझे लड़ना है और लड़ाई जीतनी है’।
हमेशा सिपाही की तरह लड़ा हूं
पारस राय ने टिकट मिलने के बाद कहा कि ”जब मुझे चुनाव लड़ने की जानकारी मिली, उस समय में क्लास में बच्चों को पढ़ा रहा था। जब मुझे पहले बताया गया तो मुझे नहीं लगा कि मैं प्रत्याशी हो गया हूं”। राय ने आगे कहा कि ”जब उन्हें टिकट मिला तो वो चौंके नहीं”। वहीं जब पारस से पत्रकारों ने पूछा कि ”आपके सामने अफजाल अंसारी हैं, जोकि यहां से कई बार चुनाव जीत चुके हैं”। इस सवाल का जवाब देते हुए पारस राय ने कहा कि ”सामने कोई भी रहे मैं तो सिपाही हूं और हमेशा सिपाही की तरह लड़ा हूं। चाहे सामने एक बार का सांसद हो या पांच बार का। मुझे लड़ना है और लड़ाई जीतनी है”।
मैं गाजीपूर के चपेचपे से वाकिफ हूं
राय ने आगे कहा कि ”मैं पूरे गाजीपुर जिले की गली-गली, दरवाजे-दरवाजे घूमा हूं। ऐसा कोई भी गांव नहीं है, जहां मैं न गया हूं. मेरी मोटरसाइकिल हर दरवाजे पर गई है। यही मेरे काम का आधार है”। राय ने यह भी कहा कि ”मैं कक्षा आठ में पढ़ता था, तब से संघ (RSS) से जुड़ा हूं। हालांकि बाद में BHU में जाने के बाद में प्रखर हुआ हूं”।
जो भी कहें, अच्छे कैंडिडेट हैं
पारस को टिकट मिलने के बाद मुख्तार के भााई अफजाल अंसारी का बयान सामने आया है। अफजाल अंसारी ने कहा कि ”उन्हें मीडिया के द्वारा पता चला की बीजेपी ने पारस राय को टिकट दिया है। मुझे किसी ने बताया था कि वो तो टिकट ही नहीं मांग रहे थे, चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन अचानक से उनको उम्मीदवार बना दिया गया। अब ये बीजेपी की दरियादिली है कि पार्टी ने बिना कहे उन्हें टिकट दे दिया। वैसे भी बीजेपी वाले चमत्कार करते रहते हैं। फिलहाल, अभी हम भी उनके बारे में पता ही कर रहे हैं, शायद वो कोई स्कूल चलाते हैं”। अफजाल ने पारस की तारीफ में कहा कि ”जो भी कहें, वो एक अच्छे कैंडिडेट हैं”।
कौन है पारस नाथ राय?
बता दें कि पारस नाथ राय को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और गाजीपुर के पूर्व सांसद मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े हुए हैं। पारस नाथ राय गाजीपुर के मनिहारी ब्लॉक के जखनियां (सुरक्षित) विधानसभा के सिखडी ग्राम सभा के रहने वाले हैं। राय गाजीपुर के मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के प्रबंध संचालक भी हैं। पहले कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। ऐसे में बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट देकर लोगों को एक बार और अपने चुनावी एजेंडे से चौंका दिया है।
2019 गाजीपुर समीकरण के अनुसार
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। गाजीपुर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक संख्या यादव वोटरों की हैं। इसके बाद दलित और फिर मुस्लिम वोट बैंकों की गिनती होती है। अगर यादव, दलित और मुस्लिम वोटरों को मिला कर देखा जाए तो गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के कुल वोटरों की आधी आबादी कह सकते हैं। यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की वजह से अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हरा दिया था। कुशवाहा समाज की आबादी यहां पर ढाई लाख से अधिक है तो वहीं डेढ़ लाख से अधिक बिंद समाज के लोग हैं। एक लाख के आसपास वैश्य वोटर है। राजपूत वोटर पौने दो लाख के करीब हैं। बीजेपी की तरफ स्वर्ण और ओबीसी की कुछ जातिया हैं।
जातीय वोट के आधार पर किसकी जीत
वहीे देखा जाए तो इस बार सपा और बसपा अलग-अलग चुनाव लड़नें को तैयार हैं। जिस वजह से दलित वोट बैंक का बड़ा हिस्सा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को जा सकता है। मुस्लिम वोट बैंक समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को मिल सकता है। अगर स्वर्ण और ओबीसी मिलते हैं तो बीजेपी की जीत पक्की है।