Ambani से मांगी 400 करोड़ की रंगदारी, बोला मजाक किया
एशिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन को जान से मारने की धमकी सिर्फ इसलिए दे रहा था, क्योंकि उसे अपना टैलेंट चेक करना था। उसे खुद इतना भरोसा था कि पुलिस उसे कभी पकड़ ही नहीं सकती ।आरोपी ने मजाक में मांगी थी रंगदारी उसे न तो पैसे चाहिए थे, न ही वो किसी को जान से मारना चाहता था। वो तो सिर्फ और सिर्फ अपना टैलेंट चेक कर रहा था।
यह मामला बिजनेस मेन मुकेश अंबानी से 20 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने से जुड़ा है। रंगदारी मांगने वाले की उम्र महज 20 साल है। वो कंप्यूटर साइंस का छात्र है, नाम राजवीर खंत है। इस लड़के ने ऐसी शरारत कि जिससे मुंबई से लेकर गुजरात पुलिस तक के होश उड़ गए। ऐसा करने वाला ये लड़का कोई अपराधी नहीं बल्कि गुजरात पुलिस के ही एक कांस्टेबल का बेटा है। कंप्यूटर और लैपटॉप से उसका लगाव कुछ इतना ज्यादा था कि वो घंटों उन पर वक़्त बिताया करता था । इंटरनेट में डार्क वेब से लेकर हर उस जगह की खाक छान चुका था, जहां से वो दुनिया की नजरों से बच कर कोई खुफिया काम कर सकता था। लेकिन आखिर क्या है ये डार्क नेट? कैसे करता है ये काम?
डार्क नेट एक ऐसा ऑनलाइन स्पेस है, जो इंटरनेट के नॉर्मल स्पेस से अलग होता है। इसका इस्तेमाल अक्सर गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है।वेबसाइट्स, सर्विसेस और दूसरी कई गतिविधियां डार्क नेट का हिस्सा हो सकती हैं, डार्क नेट का इस्तेमाल गुप्त गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि गैरकानूनी कपड़ों की तस्करी, हैकिंग टूल्स का इस्तेमाल गुप्त जानकारियों का आदान-प्रदान, मनी लॉन्डरिंग, नशीली दवाओं की बिक्री वगैरह के लिए किया जाता है। डार्क नेट तब बनता है जब कोई वेबसाइट या सर्विस कानूनी एजेंसियों से बच कर लोगों को गुप्त गतिविधियों के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया करवाती है। इसके सहारे लोग रुपए-पैसे के नाजायज लेन-देन के कई दूसरे गैर कानूनी काम करते हैं। लेकिन डार्क नेट का इस्तेमाल सिर्फ गैर कानूनी वजहों से ही नहीं होता।
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कई बार व्हीसल ब्लोअर लोग भी सरकार तक या एजेंसियों तक अपनी सूचना पहुंचाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल करते हैं। जो लोग अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते, इसलिए डार्क नेट उनके लिए अच्छा होता है। खुफिया गतिविधियों मसलन एनक्रिप्टेडेट मैसेज भेजने में भी डार्क वेब काम आती है। जिन इलाकों में इंटरनेट पर बहुत सख्त पाबंदियां हैं, वहां कई बार लोग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं। सुरक्षा, प्राइवेसी और तकनीक के बारे में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए भी डार्क नेट को काम में लिया जाता है। इसके अलावा क्रिमिनल एक्टिविटीज की मॉनिटरिंग और रिसर्च के काम में में भी साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट डार्क नेट से काम लेते हैं। यानी डार्क नेट वो जगह है, जिसका गैर कानूनी और कानूनी दोनों रूप से इस्तेमाल होता है। लेकिन आम तौर पर ये आम लोगों से बाहर की दुनिया है। लेकिन राजवीर खंत जैसे टैलेंटेड और हाईटेक लड़के ने इसका इस्तेमाल मजाक के लिए किया, क्योंकि उसे पुलिसवालों वालों के साथ मजाक करना ।
गुजरात के गांधीनगर के कल्लोल इलाके के रहने वाले राजवीर खंत ने पहले मुकेश अंबानी से 20 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। ये रुपए नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी और इसके लिए बाकायदा उनकी कंपनी को ई-मेल किया। पहले मेल के बाद भी जब पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी, तो उसने अगले ही दिन दूसरा ई-मेल कर दिया, इसके साथ ही उसने रंगदारी की रकम बढ़ा कर 20 करोड़ से सीधे 200 करोड़ कर दी । लेकिन इससे पहले कि पुलिस उसे ट्रैक कर पाती उसका हौसला इतना बढ़ गया कि दो दिन बाद ही उसने तीसरा ई-मेल कर दिया। इस बार रंगदारी की रकम बढ़ा कर 200 से 400 करोड़ रुपए कर दी। इसके साथ ही उसने पुलिस को चैंलेज करते हुए ई-मेल में लिखा, “कैच मी इफ यू कैन” । यानी हर ई-मेल के साथ रंगदारी की रकम और उसका हौसला दोनों बढ़ता ही चला जा रहा था। आखिरकार इस लुका-छुप्पी के खेल का दी एंड उसकी गिरफ्तारी के साथ हो गया।
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