मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन मोड में दिखे Sukhwinder Singh Sukhu, जयराम सरकार के समय हुई नियुक्तियों को किया रद्द, टेंडर जारी करने पर भी रोक
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) अपने कार्यकाल के पहले ही दिन पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने एक के बाद एक बड़े और कड़े फैसले लेते हुए कई आदेश जारी किए. इसके अलावा सीएम ने 1 अप्रैल 2022 के बाद पूर्व सीएम जयराम ठाकुर द्वारा लिए गए हर फैसले की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है.
अगले आदेश तक टेंडर जारी करने पर रोक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने जयराम सरकार के समय निगम और बोर्डों में हुई विभिन्न नियुक्तियों को भी रद्द करने का आदेश जारी किया हैं. इसके साथ ही नई सुक्खू की नई सरकार ने लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग में नए कार्यों के लिए अगले आदेश तक टेंडर जारी करने पर भी रोक लगाने का ऐलान किया है.
सरकार ने मल्टी टास्क वर्कर सहित आउटसोर्स भर्तियों की भी समीक्षा करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले ही जयराम सरकार के 6 महीने पुराने फैसले रिव्यू करने की बात भी कही थी.
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक को पद से हटाया
हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की सरकार ने आते ही प्रशासनिक फेरबदल भी शुरू कर दिया है. नई सरकार ने पहला प्राशासनिक बड़ा फेरबदल करते हुए किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक को पद से हटाकर स्पेशल सेक्रेट्री (फॉरेस्ट) लगाया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी आबिद हुसैन सादिक और किन्नौर से कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी जयराम सरकार के वक्त आए दिन आपस में भिड़ते नजर आते थे.
ऐसे में कांग्रेस की सरकार आते ही सबसे पहले आबिद हुसैन सादिक को ही ट्रांसफर किया गया है. आने वाले वक्त में अन्य अधिकारियों को भी ट्रांसफर किया जाएगा. अब कांग्रेस विधायकों और नेताओं की पसंद के अधिकारी ही अलग-अलग इलाकों में तैनात होंगे.
रविवार को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ
बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने रविवार 11 दिसंबर की शाम हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दोनों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इस दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ-साथ तमाम बड़े कांग्रेसी नेता मौजूद थे. वहीं, अपने कार्यकाल के पहले दीन ही कड़े और बड़े फैसले लेने पर उनकी काफी चर्चा हो रही है.