Clash in Tawang: अरुणाचल में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प, 20 जवान घायल, रक्षामंत्री ने आर्मी चीफ के साथ बुलाई अहम बैठक
Clash in Tawang: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प (Clash in Tawang) का मामला सामने आया है. यह घटना 9 दिसंबर की बताई जा रही है. कल 12 दिसंबर शाम को थल सेना ने इसकी जानकारी दी है. हिंसक झड़प में दोनों देशों के सैनिकों के घायल होने की खबर है. घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ के साथ एक बैठक बुलाई है. वहीं, इस मामले पर वह रक्षा मंत्री आज संसद में भी बयान दे सकते हैं.
बता दें कि झड़प (Clash in Tawang) के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक में थलसेना अध्यक्ष मनोज पांडे के साथ-साथ नेवी चीफ और इंडियन एयरफोर्स के चीफ भी मौजूद रहेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और CDS मुकुंद नरवणे भी हिस्सा लेंगे. बैठक में सीमा पर भारत और चीन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जाएगी.
तवांग में नियंत्रण रेखा को लेकर है विवाद
दरअसल अरुणाचल के तवांग एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां दोनों ही पक्ष अपना दावा करते हैं और यहां दोनों देशों के सैनिक गश्त करते हैं. खबरों के अनुसार, इस भिड़ंत (Clash in Tawang) में भारतीय सेना के लगभग 20 जवान घायल हुए हैं. वहीं, चीनी सेना का भी भारी नुकसान हुआ है.
हालांकि हिंसक झड़प में अभी तक दोनों ही पक्षों की ओर से जान-माल के नुकसान होने की खबर सामने नहीं आई है. घायल सैनिकों का इलाज गुवाहाटी के सैनिक अस्पताल में हो रहा है. बताया जा रहा है कि हादसे में कई सैनिकों के हाथ और पांव में गंभीर चोट आई है. सेना के मुताबिक हिसंक झड़प के समय करीब 600 चीनी सैनिक मौजूद थे.
9 दिसंबर को लगा था चीनी सैनिकों का जमावड़ा
बता दें कि अरुणाचल के तवांग एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) को लेकर 2006 से विवाद चल रहा है. गश्त के दौरान अक्सर दोनों ही पक्षों की तरफ से तनातनी हो जाती है. स्थानीय लोगों के अनुसार, 9 दिसंबर को एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा देखा गया था.
भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और उन्हें आगे बढ़ने से रोका. इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं. झड़प (Clash in Tawang) के बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए.
1962 से चल रहा है सीमा विवाद
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच लगभग 3,440 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है. 1962 में हुए जंग के बाद से ही ज्यादातर हिस्सों को लेकर विवाद रहा है. चीन के साथ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भारत का सीमा विवाद (Clash in Tawang) है. अरुणाचल प्रदेश को तो चीन अपना हिस्सा बताता है. उसका कहना है कि यह तिब्बत का अंग है. 1962 में यहां हमला कर उसने अरुणाचल के एक हिस्से पर कब्जा जमा लिया था.