Chandrayaan-3 : चाँद की चौथी कक्षा में दाखिल हुआ चंद्रयान-3, इस दिन होगी लैंडिंग

भारत का मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 1900 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से 150 किलोमीटर दूर कक्षा में यात्रा कर रहा हैं। इसरो का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन मंजिल के काफी करीब पहुँच गया हैं. बता दें कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan -3) का ऑर्बिट का अब सर्कुलाइजेशन चरण मे चल रहा है. चंद्रयान-3 ने अंडाकार कक्षा से गोलाकार कक्षा में आना शुरू हो गया है। इसरो ने आज जानकारी दी कि चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चांद की कक्षा के एक और वृत्ताकार चरण को पूरा कर लिया है और अब वह चांद के और करीब वाली कक्षा में पहुंच गया है।
चाँद के और पास पहुंचा इसरो का मिशन
इसरो ने आज जानकारी दी कि चंद्रयान -3 (Chandrayaan-3) ने सफलतापूर्वक चांद की कक्षा के एक और वृत्ताकार चरण को पूरा कर लिया है और अब वह चांद के और करीब वाली कक्षा में पहुंच गया है। इसरो ने बताया कि 14 अगस्त कि सुबह करीब पौने 12 बजे चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को फॉलो किया गया था. जिसकी मदद से चंद्रयान-3 ने अपना कक्ष सफलतापूर्वक बदला।
बता दें कि चंद्रयान 3 ने 5 अगस्त को पहली बार चाँद कि कक्षा पर प्रवेश किया था। उसके बाद से तीन बार सफलतापूर्वक कक्षा बदल कर चंद्रयान-3 चाँद के और करीब आ गया हैं. 16 अगस्त को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) एक और कक्षा कम करके चाँद के और करीब पहुँच जाएगा। वही 17 अगस्त का दिन मिशन के लिए अहम होगा, क्योंकि 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग किया जाएगा।
चंद्रयान-3 कब होगा चाँद पर लैंड?
चंद्रयान-3 मिशन में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिनों तक प्रयोग करेंगे। वहीं प्रोपल्शन मॉड्लूय चांद की कक्षा में ही रहकर चांद की सतह से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो चांद की सतह पर पानी का पता लगाएगा और यह भी जानेगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंड करना है, जिस पर पूरी दुनिया की निगाह होगी।
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