Budget 2024:आखिर क्यों बदला गया बजट पेश करने का तरीका, जानें ब्रीफकेस से डिजिटल तक का सफर?
Budget 2024: एक फरवरी को देश का बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। देश का बजट आने में महज कुछ ही दिन बचे है। बजट से पहले ही लोग फायदे और नुकसान के कयास लगा रहे हैं। हर कोई बजट से उम्मीदें लगाए बैठा है। हर किसी को बजट का बेसब्री से इंतजार है। इस साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में 2024-25 का आम बजट आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाए जाने की उम्मीद है।
बजट पेश करने की बात करें तो इसका सफर काफी लंबा है। पिछले कुछ सालों में बजट पेश करने के तरीके में कई बदलाव आएं हैं। ब्रीफकेस के साथ शुरू हुआ सफर अब टेबलेट पर आ गया है। बजट डॉक्युमेंट्स ने ब्रीफकेस से बैग, बही खाते और फिर टैब तक का सफर तय किया है। आइए हम आपको बताते हैं समय के साथ कैसे बजट पेश करने का तरीका बदलता गया?
‘विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन’ द्वारा ब्रीफकेस बजट
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एक समय था जब बजट को ब्रीफकेस में ले जाया जाता था। अंग्रेजों के जमाने से चमड़े के ब्रीफकेस में बजट पेश किए जाने की परंपरा चली आ रही थी। यह परंपरा साल 1860 से चली आ रही है। जब ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ ‘विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन’ ने पहली बार भारत का बजट पेश किया था। बजट बहुत लंबा था तो उन्हें डाक्युमेंट्स रखने के लिए एक बड़े ब्रीफकेस की जरूरत महसूस पड़ी इस तरह भारत के पहले बजट के डॉक्युमेंट एक बड़े ब्रीफकेस में आए और यह ब्रीफकेस ‘ग्लैडस्टन बॉक्स’ कहलाने लगा।
बजट पेपर्स पर ब्रिटेन की क्वीन का गोल्ड मोनोग्राम था। कहा जाता है कि क्वीन ने बजट पेश करने के लिए यह ब्रीफकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था। ब्रिटेन का रेड ग्लैडस्टन बजट बॉक्स साल 2010 तक चलन में था। बाद में खस्ताहाल हो जाने के चलते इसे म्यूजियम में रख दिया गया और उसकी जगह एक नए रेड लेदर बजट बॉक्स ने ले ली।
लाल कपड़े वाला बही-खाता
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था। उस दौरान निर्मला सीतारमण बजट को भारतीय टच देने के लिए इसे लाल ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लपेटकर बही-खाते के रूप में संसद लाईं। तब उन्होंने इस बदलाव पर कहा था कि ”देश का बजट दरअसल देश का बही-खाता होता है, इसलिए उन्होंने बजट के स्वरूप में बदलाव किया है।” अगले साल यानी 2018 में उन्होंने इसमें थोड़ा बदलाव किया और टैबलेट के जरिए बजट पेश किया। 2019 के बाद यह पेपरलेस हो गया।
2021 में पेश हुआ पेपरलेस डिजिटल बजट
2021 में पहली बार सीतारमण ने लोकसभा में परंपरागत किताब के बजाय टैबलेट पर बजट पढ़ा। यह पहला बजट रहा, जिसे डिजिटल तरीके से पेश किया गया। यह पूरी तरह पेपरलेस बजट था। सभी को बजट की सॉफ्ट कॉपी मोबाइल एप के जरिए उपलब्ध कराई गई। इस वर्चुअल बजट को लोकसभा की वेबसाइट पर भी डाला गया था। इतना ही नहीं सांसदों और आम जनता को भी यह बजट केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध कराया गया था।
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