May 10, 2024

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Ayushman Bharat Yojana : एक ही मरीज एक ही टाइम में कई अस्पताल में भर्ती, CAG ने खोला बड़ा राज, एक मोबाइल से हुए कई रजिस्ट्रेशन

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Ayushman Bharat Yojana

Ayushman Bharat Yojana : साल 2018 में मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा एक बड़ी हेल्थ केयर स्कीम लॉन्च की गई थी. इस स्कीम के जरिए देश के गरीब लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कराए जाने का दावा किया गया था. जिसका नाम आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Yojana) हैं. शॉर्ट में इसे आयुष्मान भारत योजना भी कहा जाता हैं. इस योजना का उद्देश्य करोड़ों गरीबों के उद्धार करना हैं. लेकिन अब इस योजना को लेकर एक बड़े घोटाले की बात सामने आ रही हैं. इस घोटालें का खुलासा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा किया गया हैं.

एक ही मोबाइल से हुए कई रजिस्ट्रेशन

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एक रिपोर्ट द्वारा पता चला हैं कि जिस मोबाइल नंबर से करीब 7.5 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया हैं, उस नंबर का कोई सिम कार्ड नहीं हैं. बीआईएस (BIS) के डेटाबेस के एनालिसिस से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा किया गया हैं, इस योजना से लाभ लेने के लिए मरे हुए लोगों का भी इलाज किया गया हैं. CAG की एक रिपोर्ट सामने आने से स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मचा गया हैं.

उस रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग  1 लाख 39 हजार 300 लोग एक दूसरे नंबर 8888888888 से जुड़े हैं. वहीं 96,046 अन्य लोग 90000000 नंबर से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा ऐसे ही लगभग 20 नंबर सामने आए हैं, जिनसे 10 हजार से लेकर 50 हजार लाभ लेने वाले लोग जुड़े हुए हैं.

पांच राज्यों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी

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CAG कि रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के जरिए सबसे ज्यादा गड़बड़ी छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरल और मध्य प्रदेश में किया गया हैं. इससे पहले इस स्कीम को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने जुलाई 2020 में भी गड़बड़ी का मामले की जानकारी दी थी. एक रिपोर्ट माने तो सीएजी (CAG) की रिपोर्ट में कुल 7.87 करोड़ लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन मिला हैं, जो 10.74 करोड़ के लक्षित परिवारों का 73% हैं.

मरे हुए लोगों का हुआ इलाज

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एक रिपोर्ट द्वारा दावा किया गया हैं कि इस योजना के द्वारा इलाज करा रहे कई लोगों को पहले मरा हुआ दिखाया गया था. लेकिन उसके बाद भी योजना राशि उठाने के लिए उनका इलाज जारी था. ऐसे लोगों का डाटा चेक करने पर कैग ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत इलाज के दौरान 88760 मरीजों की मौत हो गई. 224923 दावों को सिस्टम में भुगतान के रूप में दिखाया गया. इसमें 3446 लोगों को 6.97 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था.

नौ लाख लोग जुड़े हैं एक ही नंबर से

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इस मामले को लेकर CAG ने बड़े चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इस योजना को लेकर एक ऑडिट रिपोर्ट जारी करते हुए कहा हैं कि इस योजना के तहत कुछ ऐसे लोग भी लाभ उठा रहे हैं जो पहले मर चुके हैं. सिर्फ इतना ही नहीं इस स्कीम के तहत 9 लाख से ज्यादा लोग तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. इस सरकारी स्कीम के तहत लाभ लेने के लिए मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन सबसे महत्वपूर्ण होता है. लाभार्थी द्वारा रजिस्टर कराए गए मोबाइल नंबर के जरिए ही उसके रिकॉर्ड की जाँच की जाती हैं.

2018 से शुरू हुई थी योजना

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आयुष्मान भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है जिसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2018 को की गई थी. इसके तहत सरकार आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड (Ayushman Bharat Golden Card) लोगों को देती हैं. इसके जरिए आर्थिक रूप से कमजोर लोग अस्पतालों में जाकर फ्री में अपना इलाज करवा सकते हैं. 18 साल या उससे अधिक लोग ही इस स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं. अगर कोई खुद से इस स्कीम में के लिए आवेदन करना चाहता हैं, तो उसका नाम सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना में शामिल होना चाहिए.

 

 

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