कर्नाटक में बढ़ने लगी हिंदू विरोधी गतिविधियां, इस मुस्लिम संगठन ने गौहत्या की अनुमति मांगी
Anti Hindu Demands in Karnataka: कांग्रेस की कर्नाटक जीत के बाद कई संगठन अपनी अपनी मांगों की सूची लेकर कांग्रेस के दरवाजे में खड़ा हो रहा है पहले मुस्लिम संगठनों ने अपनी मांगों में अपने हिसाब के मंत्री मांगे अब एक विवादित संगठन भी इस रेस में आ चुका है जिसने कांग्रेस के सामने कई मांगे (Anti Hindu Demand) रखी है और कहा है कि कांग्रेस जल्द से जल्द इस पर विचार करे।
कांग्रेस के सामने पेश की हिंदू विरोधी मांगों की सूची
दरअसल 2014 के बाद से भारत सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने वाला एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (Amnesty India) एक बार फिर चर्चा में है। उसने कांग्रेस के सामने हिंदू विरोधी मांगों (Anti Hindu Demand) की एक सूची जारी की है। इसमे उसने हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने, गोहत्या की अनुमति देने और मुस्लिम दुकानो का बहिष्कार करने वाले हिंदूओं के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है।
तीन प्रमुख कार्रवाई का आह्वान किया
👉🏾 Ahead of the state elections, calls for economic boycott and violence against Muslim people were made with impunity. Ensure accountability for such advocacy of hatred and end hate crimes that are motivated by religious and caste-based discrimination.
4/5— Amnesty India (@AIIndia) May 23, 2023
Anti Hindu Demand : एमनेस्टी इंडिया ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कर्नाटक में कॉन्ग्रेस सरकार से मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए तीन प्रमुख कार्रवाई का आह्वान किया। एमनेस्टी इंडिया ने अपनी पहली माँग में शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा।
उसने कहा, “यह प्रतिबंध मुस्लिम लड़कियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार के बीच चयन करने के लिए मजबूर करता है। इससे समाज में सार्थक रूप से भाग लेने की उनकी क्षमता बाधित होती है।”
हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाओ
Anti Hindu Demand : दरअसल, प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान फिर चाहे वह सरकारी हो या निजी, सबका एक निश्चित ड्रेस कोड होता है। खासतौर पर स्कूलों में। कर्नाटक में दिसंबर 2021 में मुस्लिम लड़कियों के एक समूह ने क्लास में हिजाब पहनकर आना शुरू किया। रोके जाने पर उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।
सरकार के इस कदम का मुस्लिमों ने विरोध किया और अदालत का दरवाजा तक खटखटाया। हालाँकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना था कि हिजाब इस्लाम धर्म के अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। इसलिए कोर्ट ने कक्षाओं में सरकार द्वारा लगाए हिजाब पर प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा।
हाईकोर्ट के इस फैसले को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में इस तरह की माँग करके एमनेस्टी इंटरनेशनल भारत के न्यायिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है। इसे शीर्ष अदालत में परिणाम को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
गोहत्या की मांगी अनुमति
👉🏾 Ahead of the state elections, calls for economic boycott and violence against Muslim people were made with impunity. Ensure accountability for such advocacy of hatred and end hate crimes that are motivated by religious and caste-based discrimination.
4/5— Amnesty India (@AIIndia) May 23, 2023
एमनेस्टी इंडिया ने अपनी दूसरी माँग में पशु क्रूरता (रोकथाम) अधिनियम, 2020 और कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक, 2022 के प्रावधानों की समीक्षा करने और उन्हें निरस्त करने के लिए कहा। दूसरे शब्दों में, एमनेस्टी इंडिया ने कर्नाटक में गोहत्या की अनुमति और हिंदू विरोधी ताकतों को राज्य में धर्मांतरण रैकेट (लव जिहाद) चलाने की माँग की है।
एमनेस्टी इंडिया ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि गोवध और धर्मांतरण पर बने कानून का दुरुपयोग हो सकता है और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, एमनेस्टी इंडिया ने मुस्लिम विक्रेताओं का बहिष्कार करने वाले हिंदुओं के खिलाफ (Anti Hindu Demand) कार्रवाई का आह्वान किया।
उसने अपने ट्वीट में कहा, “राज्य में चुनावों से पहले मुस्लिम के आर्थिक बहिष्कार और उनके खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था। धर्म-जाति आधारित भेदभाव से प्रेरित घृणा और घृणित अपराधों को समाप्त करने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करें।” दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कई रिपोर्ट आई हैं, जिनमें मुस्लिमों ने हिंदू व्यवसायों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, लेकिन एमनेस्टी ने इसे कभी भी घृणित नहीं कहा।
मामले को लेकर कांग्रेस का बयान
#WATCH | "…The government started its functioning only a few days ago. I am quite sure an appropriate decision will be taken very soon," says Karnataka Congress MLC Prakash Rathod when asked about Amnesty India's tweet asking the State Govt to take three priority actions for… pic.twitter.com/lwJxUbhI2f
— ANI (@ANI) May 24, 2023
एमनेस्टी के इस ट्वीट (Anti Hindu Demand) पर कॉन्ग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक कॉन्ग्रेस के एमएलसी प्रकाश राठौड़ से इन माँगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “सरकार ने कुछ दिन पहले ही अपना कामकाज शुरू किया है। मुझे पूरा यकीन है कि बहुत जल्द एक उचित निर्णय लिया जाएगा।”
यह भी पढ़ें : पंजाब में इस बड़े गैंगस्टर की गोली मारकर हत्या, एक बार फिर उठे कानून व्यवस्था पर सवाल