May 3, 2024

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जानिए नए कानून मंत्री की वो बातें, जिसकी वजह से वो प्रधानमंत्री मोदी के हैं बहुत खास

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Arjun Ram Meghwal

मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया गया है। अपनी बेबाक राय और टिप्पणीयों के कारण अपनी पहचान बनाने वाले किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) से मोदी सरकार ने कानून मंत्रालय वापस ले लिया है और इसकी जिम्मेदारी अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को दी गई है। किरन रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया है,किरन रिजिजू ने साल जुलाई 2021 में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी।

उनसे पहले भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्रालय था। अपने सरल स्वभाव और सरल जीवन के लिए प्रसिद्ध अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) इस समय केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री तथा बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

राजस्थान चुनाव है इसके पीछे की वजह

Arjun Ram Meghwal

मौदी कैबिनेट के इस फेरबदल के पीछे कई वजह निकल कर सामने आ रही हैं कुछ लोगों का कहने है कि किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) के बयानों की वजह से उनसे ये मंत्रालय वापस लिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा ने इस साल के अंतिम में होने वाले राजस्थान के चुनाव को देखते हुए अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को कानून मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दी गई है।

दरअसल इसी साल के आखिर में राजस्थान विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में उससे ठीक पहले भाजपा के बड़े दलित चेहरे को कानून मंत्री बनाए जाने के पीछे राजस्थान के दलित वोटर्स को साधना हो सकता है।  राजस्थान में तकरीबन 17 फीसद दलित आबादी है. साथ ही राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें रिजर्व हैं. इन 34 सीटों में से 19 सीटों पर फिलहाल कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। वहीं 12 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास, 2 सीटें आरएलपी और एक सीट पर आजाद विधायक है।

बहुत लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है अर्जुन मेघवाल की जीवन यात्रा

Arjun Ram Meghwal

मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) की जीवन यात्रा बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।  7 दिसंबर 1954 को राजस्थान के बीकानेर के किसमिदेसार गांव के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में जन्मे मेघवाल की शादी मात्र 13 साल की उम्र में हो गई थी। पिता के साथ बुनकर के रूप में काम करते हुए भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी।

बीकानेर के श्री डुंगर कॉलेज से उन्होंने बीए की डिग्री पाई और उसी संस्थान से वकालत की स्नातक डिग्री एलएलबी और स्नातकोत्तर डिग्री भी हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्हें भारत डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला।

राजनीति में उनकी शुरुआत तब हुई, जब वह टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़े और महासचिव चुने गए। टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। नौकरशाहों की शीर्ष टोली में इन्हें तब जगह मिली जब इनको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के रूप में प्रोन्नत्ति मिली और राजस्थान के चुरू के जिलाधिकारी बने।

लगातार तीन बार बन चुके हैं बीकानेर से सांसद

Arjun Ram Meghwal

उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जब भाजपा के टिकट पर बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। केन्द्र सरकार में वित्त व कंपनी मामलात राज्य मंत्री संसदीय कार्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रहे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए।

अपने सरल स्वभाव के लिए हैं प्रधानमंत्री के खास

Arjun Ram Meghwal

बताया जाता है कि मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) इतने सरल स्वभाव के हैं कि इन्हें सरकार की तरफ से कार दी गई है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल करने की बजाय साइकिल से चलना ज्यादा पसंद करते हैं। वह शपथ ग्रहण समारोह में भी वो  राष्ट्रपति भवन  साइकिल से ही पहुंचे थे।

पूर्व नौकरशाह होने से सरकारी कामकाज की अच्छी समझ, वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री रहते हुए अच्छा काम किया। मेघवाल को प्रधानमंत्री मोदी की पसंद माने जाते हैं। मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने राजस्थान के बीकानेर में रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदे को प्रकाश में लाने का काम किया था, जिसके बाद वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गए थे।

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