April 25, 2024

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ओडिशा की राजनीति में हो सकता है बदलाव, BJP के साथ हाथ मिलाएगी BJD, नवीन पटनायक को क्यों पड़ी गठबंधन की जरूरत?

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Odisha

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार बहुत ज्यादा एक्टिव लग रही है। पीएम हर राज्य का दौरा करने में लगे हैं आज पीएम कश्मीर दौरे पर गए थे। वहां से देश को बख्शी स्टेडियम से 6400 करोड़ की 53 विकास परियोजनाओं की सौगात दीं। वहीं 5 मार्च को पूर्व सीएम बीजू पटनायक की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के दौरे पर गए थे। पीएम ने बीजू बाबू को श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी। वहां पीएम ने सीएम नवीन पटनायक को अपना मित्र कहकर संबोधित किया था। जिसके बाद से ही जयंत चौधरी की आरएलडी के बाद यह कयास लगाए जा रहें हैं कि अब बीजू जनता दल (बीजेडी) की भी पुराने गठबंधन में वापसी होने वाली है?

Modi and Patbayak

बीजेडी और बीजेपी में होगा गठबंधन

बता दें कि हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेडी ने बीजेपी उम्मीदवार अश्विनी वैष्णव का समर्थन किया था। पीएम मोदी के हालिया दौरे के दौरान उनकी नवीन पटनायक के साथ दिखी देस्ती इस चर्चा को और हवा दे दी। अब दोनों दलों का गठबंधन होना तय है। वहीं सवाल यह भी है कि 2000 से ही ओडिशा के राजा बने नवीन पटनायक को 15 साल बाद आखिर फिर से गठबंधन की जरूरत क्यों पड़ गई?

Naveen Patnayak

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पहले कर चुके गठबंधन तोड़ने का ऐलान

दरअसल, वर्ष 2000 से नवीन पटनायक ओडिशा के सीएम हैं। पहले बीजेपी और बीजेडी गठबंधन में थे। बीजेडी ने साल 2009 के चुनाव से पहले बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। 2009 में बीजेपी को 15.1 प्रतिशत वोट शेयर के साथ छह सीटों पर जीत मिली थी। बीजेडी 2009 में 38.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 146 सदस्यों वाली विधानसभा में 103 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन 2014 और 2019 चुनाव में पार्टी की टेंशन बढ़ा। बीजेपी के 2014 और 2019 के ओडिशा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेडी का वोट शेयर बढ़ा जरूर है लेकिन कुछ, सीटें घटी भी हैं।

बीजेपी,बीजेडी में टक्कर

साल 2014 में बीजेडी का वोट शेयर पांच प्रतिशत के साथ 43.9 प्रतिशत पहुंच गया और 117 सीटें जीतकर पार्टी ने फिर से सरकार बना ली। फिर 26 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 16 सीटें जीतकर कांग्रेस दूसरे और बीजेपी 18.2 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर रही । उसके बाद 2019 के विधानसभा और लोकसभा, दोनों ही चुनाव में बीजेपी 32.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 23 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और कांग्रेस 16.3 प्रतिशत वोट के साथ नौ सीटें जीत तीसरे स्थान पर नजर आई। बीजेडी का वोट शेयर 1.3 प्रतिशत बढ़ात के साथ 45 प्रतिशत के पार पहुंच गया लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले पांच सीटें कम हो गईं।

2014 में बीजेपी और बीजेडी का मत प्रतिशत

वहीं बीजेडी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 44.8 प्रतीशत वोट शेयर के साथ 21 में से 20 सीटें जीती थीं। उस दौरान तब बीजेपी 21.9 प्रतीशत वोट शेयर के साथ एक सीट ही जीत सकी थी। 2019 में बीजेडी का वोट शेयर 43.3 प्रतीशत पर आया और पार्टी को 2014 के मुकाबले आठ सीट का नुकसान झेलना पड़ा वहीं इसके ठीक उल्टा बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 38.9 प्रतिशत पहुंच गया।

सीएम रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार

ओडिशा और सूबे की सत्ता के नायक नवीन पटनायक अगर पांच-छह महीने और सीएम रहते हैं तो वह पवन चामलिंग का लगातार 24 साल सीएम रहने का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 ओडिशा चुनाव में दोनों दलों का वोट शेयर ही करीब 75 प्रतिशत पहुंचा था।

 

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