फिर से लौटे मास्क वाले दिन, अस्पतालों ने किए बेड तैयार, लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले
Delhi: कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 ने सबको मास्क पहनने पर मजबूर कर दिया है। राजधानी दिल्ली में भी मास्क वाले समय की वापसी होने वाली है। दिल्ली में कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 के पहले केस की बुधवार को पुष्टि हुई और वहीं दो लोग ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित मिले हैं।
शुरु हुई कोरोना से लड़ने की तैयारी
कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए, दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल ने मरीजों के लिए 48 बिस्तर रिजर्व कर दिए हैं। इसके अलावा लेडी हार्डिंग अस्पताल की नई बिल्डिंग में छह आईसीयू बेड और 30 बेड वाला एक वार्ड भी कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क जरुरी
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में बाल रोगियों के लिए 12 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। हाल ही में अस्पताल के निदेशक ने सभी हितधारकों के साथ बैठक की थी और कोविड-19 से संबंधित व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली थी और इससे पहले 23 दिसंबर को अस्पताल में मॉक ड्रिल की गई थी। इसी के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।
सौरभ भारद्वाज बोले कुछ नहीं होगा
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कोरोना मामलों के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि “जेएन.1 ओमिक्रॉन का एक सब वेरिएंट है और एक हल्का संक्रमण है। यह दक्षिण भारत में फैल रहा है इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है यह माइल्ड बीमारी का कारण बनता है।” स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो “26 दिसंबर तक देश में कुल जेएन.1 वैरिएंट के कुल 109 मामले सामने आए हैं।”
एम्स ने जारी की गाइडलाइन्स
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने देश में कोरोनोवायरस मामलों में अचानक बढ़त के बाद संदिग्ध या पॉजिटिव केस के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। एम्स दिल्ली के निदेशक ने बुधवार को कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की। बैठक में, कोविड-19 परीक्षण पर नीति, पॉजिटिव मरीजों और उनके अस्पताल में भर्ती को लेकर चर्चा की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि “वर्तमान साक्ष्यों के अनुसार, जेएन.1 वैरिएंट से कम खतरा है।”
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