कोई गुमनाम दे गया JDU और TMC को Electoral Bond, पार्टी को नहीं पता नाम
Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड को लेकर रोज नई-नई खबरें सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार 14 मार्च को SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड का सारा डेटा चुनाव आयोग (Election Commission) को सौंप दिया था। उसके बाद 14 मार्च को ही चुनाव आयोग ने SBI द्वारा सौंपे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी थी। वहीं इसी के साथ रविवार 17 मार्च को चुनाव आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ो से पता चला है कि इस बॉन्ड से पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू (JDU) को भी लाभ मिला है।
कोई लिफाफा पकड़ा के चला गया
बता दें कि चुनावी बॉन्ड खरीदने के मामले में सबसे टॉप पर रहे ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ कंपनी ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके (DMK) को सबसे अधिक 509 करोड़ रुपये दान दिए थे। वहीं चुनावी बॉन्ड के इन लाभार्थियों में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बिहार का सत्ताधारी दल JDU भी शामिल है। लेकिन इन दोनों पार्टियों ने अपने बयान में कहा है कि ‘’कोई उनके पार्टी ऑफिस में सीलबंद लिफाफे दे गया था, जिसके अंदर ये इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे और इसलिए वे इस बात से अंजान थे कि यह दान किसने दिया।’’
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TMC दान से कर रही इंकार
दरअसल JDU ने अप्रैल 2019 में चुनावी बॉन्ड से प्राप्त 13 करोड़ रुपये में से 3 करोड़ रुपये के दानदाताओं की पहचान का खुलासा किया, लेकिन TMC ने यह बात नहीं बताई कि 16 जुलाई, 2018 और 22 मई, 2019 को उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये करीब 75 करोड़ रुपये का दान किसने दिया था।
किसी को गुमनाम रहना पसंद है
खबरों के मुताबिक, TMC ने 27 मई, 2019 को चुनाव आयोग को सौंपो गए आवेदन में कहा था कि, ‘‘इनमें से अधिकांश बॉन्ड हमारे कार्यालय में भेजे गए थे और ड्रॉप बॉक्स में डाल दिए गए थे या विभिन्न व्यक्तियों के दूतों के जरिये भेजे गए थे, जो हमारी पार्टी का समर्थन करना चाहते थे। इनमें से कई गुमनाम रहना पसंद करते हैं। इसलिए हमारे पास इन लोगों के नाम या कोई दूसरी जानकारी नहीं है।’’
SBI बॉन्डों का एकमात्र जारीकर्ता
TMC ने यह भी कहा कि ‘‘हम यह भी समझते हैं कि चुनावी बॉन्ड योजना के अनुसार, SBI इन बॉन्डों का एकमात्र जारीकर्ता है और जिन लोगों को बॉन्ड जारी किए गए थे, उन्होंने अपने पैन कार्ड, पहचान प्रमाण, पते के प्रमाण सहित KYC दस्तावेज जमा कर दिए हैं। इसलिए, बैंक के पास उन सभी बॉन्ड धारकों का पूरा विवरण है, जिन्होंने हमें बॉन्ड दान किए हैं।’’
जानकारी देने में असमर्थ
वहीं JDU ने 30 मई, 2019 को चुनाव आयोग को बताया था कि, ‘’3 अप्रैल, 2019 को एक व्यक्ति पटना स्थित हमारे कार्यालय में आकर सीलबंद लिफाफा सौंप गया। जब इसे खोला गया, तो हमें अंदर 1-1 करोड़ रुपये मूल्य के 10 चुनावी बॉन्ड्स मिले।’’ पार्टी ने आगे कहा कि, ‘’हम दानदाताओं के बारे में और अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं।’’
’हम नहीं जानते, जानने की कोशिश भी नहीं की’
JDU ने साथ ही यह भी कहा कि ‘’पार्टी को दानदाताओं के ब्योरे के बारे में जानकारी नहीं है और कहा कि, ‘’न तो हम जानते हैं और न ही हमने जानने की कोशिश की है, क्योंकि जब हमें बॉन्ड प्राप्त हुए थे, तब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आया था और केवल भारत सरकार का गजट नोटिफिकेशन ही चल रहा था।’’
इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर के नाम
वहीं JDU ने इलेक्टोरल बॉन्ड के दो डोनर- श्री सीमेंट लिमिटेड, अजमेर (राजस्थान) और भारती एयरटेल लिमिटेड, गुड़गांव (हरियाणा) की पहचान का खुलासा किया। पार्टी को श्री सीमेंट ने 16 अप्रैल, 2019 को 2 करोड़ रुपये का दान दिया था, वहीं भारती एयरटेल से उसे 26 अप्रैल, 2019 को 1 करोड़ रुपये का दान मिला।