Shahjahan Sheikh मामले में Mamta Banerjee ने की राज्य को कस्टडी देने की अपील, Supreme Court ने किया इंकार
Mamta Banerjee: संदेशखाली में महिला उत्पीड़न और ED पर किए गए हमले को लेकर पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता शेख शाहजहां को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। ममता बनर्जी ने सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए संदेशखाली मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की थी, लेकिन सुप्रिम कोर्ट ने इससे किनारा कर लिया है।
आदेश की प्रतीक्षा करें
बता दें कि ममता सरकार ने तुरंत सुनवाई के लिए अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे मना करते हुए कहा कि ”मुख्य न्यायाधीश के आदेश की प्रतीक्षा करें।” राज्य सरकार ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ”राज्य उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक चाहता है।”
अधिकारो का हनन हुआ
बता दें कि दर्ज कराई गई याचिका मे पश्चिम बंगाल सरकार ने दलील दी है कि, ‘‘हाईकोर्ट द्वारा 4:30 बजे तक का समय दिया गया वो हमारे अधिकारों का हनन करना है।” बंगाल सरकार द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि ”बेबुनियाद आरोप लगाकर सीबीआई को केस ट्रांसफर किया गया जबकि हमारी एसआईटी जांच कर रही थी।”
CBI को केस ट्रांसफर करना गलत
राज्य सराकर ने कहा कि, ”सीबीआई को केस ट्रांसफर करना गलत है। ये सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों का उल्लंघन है। राज्य की पुलिस ने इस मामले में तेजी से जांच कर रही है।” ASG का HC में कहना था कि ”शाहजहां शेख पर पहले से ही लगभग 40 FIR दर्ज है लेकिन उसकी गिरफ्तारी ED पर हमला मामले में दर्ज की गई दो FIR में हुई है। यह राज्य की भावना को दर्शाता है।”
SIT गठन पर रोक लगाई
वहीं राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि ”पश्चिम बंगाल पुलिस से हाई कोर्ट के आदेश को इस तरह समझा कि हाई कोर्ट ने सिर्फ ED के साथ हुई घटना की जांच के लिए SIT बनाने पर रोक लगाई है। इसलिए हमने शाहजहा शेख पर अपनी कार्रवाही जारी रखते हुए उसे गिरफतार कर लिया।”
29 फरवरी को हुई गिरफ्तारी
दरअसल 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल राशन घोटाला मामले में अकुंजीपारा स्थित शेख के आवास पर छापेमारी करने पहुची ED अधिकारियों पर तकरीबन 200 स्थानीय लोगों ने हमला किया। इस झड़प के दौरान कई ED अधिकारी घायल हुए थे। पश्चिम बंगाल पुलिस ने 55 दिनों बाद 29 फरवरी को शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया।
राज्य सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार ने तुरंत जांच को आगे बढ़ाया। शेख शाहजहां को उच्च न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया कि उनकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है।
राज्य सरकार का कहना है, ”हाई कोर्ट का आदेश विकृत, अवैध और मनमाना है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। राज्य सरकार पर निराधार आरोप लगाए गए हैं। जांच को सीबीआई को हस्तांतरित करना इस माननीय न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन है। मामले में राज्य पुलिस द्वारा उठाए गए व्यापक कदमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।”
चीफ जस्टिस से सम्पर्क करें
वहीं इस मामले में जस्टिस संजीव खन्ना ने ममता सरकार को सलाह देते हुए कहा कि ”चीफ जस्टिस से सम्पर्क करें। वो मामले को सुनवाई के लिए जल्द लिस्ट करने पर फैसला लेंगे। लंच के समय चीफ जस्टिस तय करेंगे कि कब और किस पीठ के समक्ष सुनवाई हो।”
सीबीआई ने की शाहजहां की मांग
बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और मामले की पूरी आपबीती सुनाई लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। अब इसके बाद सीबीआई ने तत्काल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का रुख किया है। इस बीच शाहजहां सीआईडी की हिरासत में है जबकि सीबीआई ने अब फिर से शाहजहां की मांग की है।
बंगाल में दरिंदा राज
पश्चिम बंगाल का संदेशखाली मामले इन दिनों सुर्खियों में है। इस मामले में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सीएम ममता के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि, ”राज्य सरकार संदेशखाली के दरिंदों की मदद करती है। CBI अकेले अपने दम पर सारे अपराधियों को पकड़ नहीं पाएगी। राज्य सरकार ने उन दरिंदों का पालन-पोषण किया है। बंगाल में दरिंदों का राज है।”
CID केस को हैंडल करने में सक्षम
वहीं, टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि, ”राज्य सरकार को भरोसा है कि CID इस केस को हैंडल करने में सक्षम है। ED, CBI ने SHAHJAHAN को अरेस्ट नहीं किया था, राज्य की पुलिस ने किया था।”
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