Lok Sabha Election 2024: एक ही सीट पर भाजपा उम्मीदवारों की निगाहें, अमित-शाह से मुलाकातों का सिलसिला जारी
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे देश की सियासत गरमा गई है। केंद्र की बीजेपी सरकार से लेकर विपक्ष ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारीयों को लेकर कमर कस ली है। साथ ही बीजेपी ने देश के अलग-अलग राज्यों के अपने कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। इस लिस्ट में महीलाओं, युवाओं और नए चेहरों को बतौर उम्मीदवार मौका दिया गया है। वहीं बीजेपी ने पिछड़े वर्ग के काफी कैंडिडेट्स को टिकट दिया है। देखा जाए तो यूपी की सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 80 सीटें हैं, इनमें से 51 सीटों के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है।
पिछड़े वर्ग पर भाजपा का खेला
दरअसल बीजेपी ने शानिवार को 195 सीटों पर लोकसभा चुनाव को मद्देनगर रखते हुए उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी। उत्तर प्रदेश की भी 51 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान किया गया। भाजपा ने पहली लिस्ट में दलितों में पासी समाज को सबसे ज्यादा टिकट दिए हैं वहीं, अगड़ों में 10 ब्राह्मण, सात ठाकुर और एक पारसी शामिल हैं। बीजोपी ने 2019 में हारी हुई 14 सीटों में से सात पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें से चार पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
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दो सीटों पर निर्णय बाकी
बता दें कि मोदी सरकार 2.0 में उत्तर प्रदेश से पीएम और भाजपा के 10 मंत्रियों समेत 44 मौजूदा सांसदों को फिर मैदान में उतारा गया है। मोदी सरकार 2.0 में यूपी से 15 मंत्री हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर अभी निर्णय होना बाकी है।
अमित शाह से मुलाकात
बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद से ही सहयोगी दलों में सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरु हो गया है। खबरों के अनुसार सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार रात को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और दोनों के बीच सीटों को लेकर बातचीत भी हुई है।
एक-एक सीट की ऑफर
वहीं, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने तो पहले ही गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर सीटों को लेकर बात कर चुके हैं। लेकिन अभी भी सीटों की संख्या को लेकर मंथन जारी है। दोनों दल यूपी में कम से कम दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा की ओर से फिलहाल दोनों दलों को एक-एक सीट ऑफर की गई है।
सीटों को लेकर पेंच फंसा
बीजेपी ने पहली सूची में सलेमपुर, कुशीनगर, चंदौली, लालगंज, डुमरियागंज, जौनपुर समेत कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, जिन पर सुभासपा और निषाद पार्टी ने पहले से ही दावेदारी कर रखी थी। सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मऊ की घोसी, देवरिया की सलेमपुर, बलिया के अलावा चंदौली सीट पर दावेदारी कर रखी थी। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में से कोई दो सीट मांग रहे हैं।
इन सीटों पर नजरें टिकी
लेकिन बीजेपी की पहली ही सूची में दोनों दलों की दावेदारी वाली कई सीटों पर उम्मीदवार उतर चुके हैं। अब राजभर चाहतें हैं कि उनकी दावेदारी वाली सीटों में जो बची हुई सीटें हैं उन्हें मिल जाए। गाजीपुर, सुल्तानपुर, बलिया समेत कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर कई भाजपा नेताओं की भी नजर है।
एक-एक सीट पर बात अटकी
खबरों के मुताबिक भाजपा की ओर से दोनों नेताओं को फिलहाल एक-एक सीट देने की ही बात तय हुई है। लेकिन नेता दो सीटों की मांग करके बैठे हैं। खबरों से पता चला है कि सुभासपा को सिर्फ मऊ की घोसी सीट देने की बात कही गई है, लेकिन राजभर इसके लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने घोसी के अलावा बलिया या गाजीपुर में से भी एक सीट मांगी है। वहीं भाजपा ने राजभर को एक सीट यूपी में और एक सीट बिहार में ऑफर की है। यूपी की गाजीपुर एक ऐसी सीट है, जिस पर सुभासपा व निषाद पार्टी की दावेदारी है जिस पर सुभासपा की दावेदारी को ज्यादा मजबूत बताया जा रहा है। जबकि निषाद पार्टी की सबसे पसंदीदा सीट भदोही हैं।
एक सीट पर सबकी निगाहें
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक गाजीपुर सीट के लिए जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर मनोज सिन्हा भी अड़े हैं। राजभर के बाद देर रात सिन्हा ने भी अमित शाह से मिलकर गाजीपुर सीट को लेकर अपनी बात रखी थी। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि गाजीपुर सीट से भाजपा सिन्हा के पुत्र अनुभव सिन्हा को मैदान में उतार सकती है।
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