India-Russia: भारत को दोस्त ने दिया धोखा, असदुद्दीन ओवैसी ने मंत्री एस जयशंकर से लगाई मदद की गुहार
India-Russia: रूस भारत का दोस्त है लेकिन रूस भारतीयों को धोखा दे रहा है। पिछले एक साल में लगभग 100 भारतीयों को रूसी सेना ने अपने मॉस्को भर्ती केंद्र में भर्ती किया था। वहीं इस मामले में द हिंदू में रूसी रक्षा मंत्रालय के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट सामने आई है।
नौकरी से जुड़े जोखिमों बताए
रूसी रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट में अधिकारी ने बताया है कि ”सभी रंगरूटों को सुरक्षा सहायक के रूप में शामिल होने के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर से पहले नौकरी से जुड़े जोखिमों के बारे में बताया जाता है।”
भारतीयों की संख्या ज्यादा हो सकती है
उन्होंने आगे बताया कि ”भर्ती से पहले रूसी सेना की ओर से कोई पैसा नहीं लिया गया। जिन भारतीयों को काम पर रखा गया उनकी संख्या ज्यादा हो सकती है। रिपोर्ट में सिर्फ मास्को केंद्र के आंकड़े बताए गए, जबकि रूस में अन्य भर्ती केंद्र भी हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट एक साल के लिए वैध होता है और छह महीने की सेवा से पहले कोई छुट्टी या बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है। क्षमिकों को प्रति माग 1.95 लाख वेतन और अतिरिक्त लाभ के रूप में 50,000 रुपए की पेशकश की गई थी।”
भर्ती से पहले टेस्ट
अधिकारी ने यह भी बताया कि ”श्रमिकों का एक साइकोमेट्रिक टेस्ट होता है और टेस्ट के लिए भेजे जाने से पहले उन्हें जोखिमों के बारे में बताया जाता है। उन्हें सहायक के रूप में भर्ती किया जाता है। उनका काम क्या होगा यह उस आदेश पर निर्भर है जो उन्हें मिलेगा। या तो वह युद्ध के मैदान में काम कर सकते हैं या फिर उनकी भूमिका कुली के रूप में हो सकती है। कोई जासूस भर्ती न हो जाए, इसलिए बैकग्राउंड की भी जांच होती है।” इससे पहले मंगलवार को एक खबर में कहा गया था कि ”तीन भारतीय जो सहायक के रूप में भर्ती हुए, उन्हें जबरन यूक्रेन की सीमा पर लड़ने को भेजा गया था।”
भारतीयों के साथ रूस में धोखा
खबरों के मुताबिक यूपी के रहने वाले शख्स ने कहा कि ”एजेंट ने उनके साथ धोखा किया है। उन्हें यहां यह कहकर भेजा गया था कि उनका काम युद्ध लड़ना नहीं बल्कि सहायक का होगा। एक एजेंट ने यह भी बताया कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय रूस-यूक्रेन सीमा पर मारियुपोल, खार्कीव, डोनेत्स्क, रोस्तोव-ऑन-डॉन में फंसे हैं। इसमें एक शख्स की मौत भी हो गई है।”
भारतीय दूतावास ने लगाई मदद की गुहार
श्रमिकों ने आगे कहा कि ”उनके पास से पासपोर्ट और डॉक्यूमेंट छीन लिए गए हैं। उन्हें वापस लौटने नहीं दिया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि ”मॉस्को में भारतीय दूतावास ने मदद की गुहार कर दी है। जो लोग फंसें हैं उनमें जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक के भी लोग हैं।”
असदुद्दीन ओवैसी से मांगी मदद
रूस में फंसा एक भारतीय नागरिक हैदराबाद का रहने वाला है। रूस में भारतीयों के फंसे होने की बात तब सामने आई जब इस शख्स के परिवार वालों ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी से मदद की अपील की। जिसके बाद ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
असदुद्दीन ओवैसी ने एस जयशंकर को लिखा पत्र
इसके अलावा हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर रूस में फंसे तीन भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद की अपील की थी। ओवैसी ने अपने पत्र में लिखा था कि ”तीन भारतीय नागरिकों से पिछले 25 दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिससे उनके परिवार वाले चिंतित हैं।”
रूस-यूक्रेन युद्ध से दूर रहें
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है, “हम इससे अवगत हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सहायक की नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इनकी शीघ्र रिहाई के लिए भारतीय दूतावास इस मामले से संबंधित रूसी अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। हम सभी भारतीय नागरिकों से आग्रह करते हैं कि जरूरी सावधानी बरतें और रूस-यूक्रेन युद्ध से दूर रहें।”