May 2, 2024

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17 दिनों तक युवती को किया डिजिटल अरेस्ट और ढग लिए 2.5 लाख रूपये, साइबर ठगी का नया तरीका

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cyber crime

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Digital Arest: सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े के मामले आए दिन सुनने को मिल रहे हैं टेक्नोलॉजी जितनी आगे निकल चुकी है उतनी ही तकनीक को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कभी लगता है कोई हमारे फ़ोन के जरिए हमारा पीछा तो नहीं कर रहा इस बात का डर लगा रहता है, अगर आपके पास फ़ोन है तो सावधान हो जाइये चौकने रहिए, आपकी सावधानी आपके हाथ में है।

दिल्ली-NCR से साइबर ठगी का मामला सामने आया है ,जहां एक छात्रा को बड़े ही अनोखे तरीके से ठगा गया है। इसमें छात्रा को 17 दिन तक डिजिटली अरेस्ट किया इस दौरान उसे काफी डराया, धमकाया और 2.50 लाख रुपये तक ट्रांसफर करा लिए गए 12 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। इसके बाद जब छात्रा को समझ आया कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हुई हैं,तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने में एक शिकायत दी।

यह मामला दिल्ली के फरीदाबाद से सामने आया है। पीड़िता का नाम अनन्या मंगला है,अनन्या मंगला ने बताया की 12 अक्टूबर को उसके पास एक कॉल आया था कॉलर ने खुद को लखनऊ कस्टम विभाग का ऑफिसर बताया और कहा एक पार्सल कंबोडिया भेजा जा रहा है। जिसमें काफी संख्या में पासपोर्ट और अन्य कार्ड हैं। यह पार्सल आपके आधार नंबर से लिंक है। इसके लिए आपको आज ही एफआईआर करवानी पड़ेगी वरना आपको लखनऊ कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।

अनन्या डर गई अनन्या को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर उसके साथ यह सब हो क्या रहा है इससे पहले अनन्या कुछ समझ पाती कॉलर ने अनन्या को Skype वीडियो कॉलिंग पर आने को कहा. इसके बाद अनन्या को ऐसा एहसास करवाया की उसकी बात पुलिस अधिकारियों से हो रही है इसके बाद अनन्या के स्काइप पर पुलिस थाने का बैकग्राउंड दिखाई देने लगा और उसमें पुलिस की वर्दी पहने लोग दिखाई दिए।

पुलिस अधिकारी ने अनन्या से कहा कि आपका आधार कार्ड चेक कर रहे हैं। फिर कुछ देर बाद बताया कि अनन्या के खिलाफ पहले ही एक FIR दर्ज है।
आपका कनेक्शन एक बैंक अधिकारी के साथ है। उस व्यक्ति के खिलाफ पहले से ही मानव तस्करी जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। पुलिस कर्मियों ने अनन्या को और डराते हुए बताया कि कुछ ऐसी शिकायतें हैं जिसमें लोगों ने कहा है कि उन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए पैसे दिए हैं और उसमें 3 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान होने की भी शिकायत है।

हम आपकी मदद करना चाहते हैं। फिर उन्होंने कहा कि सीबीआई अधिकारी भी हमारे बिल्डिंग में बैठते हैं हम उनसे आपकी बात कराते हैं। जिस पर
फर्जी सीबीआई अधिकारी ने अनन्या से कहा कि जितने कीमत के आपके खिलाफ चार्ज हैं उसका 5% यानी 15 लाख रुपए आपको अभी देना होगा।

सीबीआई अधिकारी ने बताया कि रकम ना देने पर अनन्या को अरेस्ट करना पड़ेगा। अनन्या ने भुगतान से मना किया तो उनलोगो ने कहा की हम आपकी. मदद कर रहे हैं और आपको अरेस्ट नहीं करेंगे हम डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं इस दौरान आपको अपना स्काइप बंद नहीं करना होगा हम आपकी आवाज सुनते रहेंगे।

आखिर यह Digital Arest है क्या ?

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो डिजिटल अरेस्ट मे किसी व्यक्ति को उनके मोबाइल फोन पर डाउनलोड ऐप से लगातार जुड़े रहने को मजबूर किया जाता है। ऐप पर लगातार चैटिंग,ऑडियो-विडियो कॉल कर उसे ऐप से लॉग आउट नहीं होने दिया जाता। इस दौरान किसी को जानकारी देने से मना कर देते हैं।

अनन्या को भी ऐसे ही “Digital Arest” किया गया ऐप पर लगातार चैटिंग, ऑडियो-विडियो कॉल कर उसे ऐप से लॉग आउट नहीं होने दिया जाता था। पीड़िता ने बताया कि वीडियो कॉल के दौरान आरोपियों ने उसे किसी को जानकारी देने से मना किया था।

अनन्या ने कुछ सोचा नहीं और जो पैसे उसने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए रखे थे वो ढाई लाख रुपये आरोपियों के बताएं अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। अनन्या विदेश जा रही थी, वो ढाई लाख रुपये उसने हॉस्टल की फीस भरने के लिए रखे थे।

स्कैमर्स को और पैसे चाहिए थे वह लगातार अनन्या पर दबाव बनाते रहे कि वह अपने पिता और अपने दोस्तों से रुपए का इंतजाम करें। लेकिन कई दिनों के प्रयास के बाद भी जब आरोपी और पैसे लेने में सफल नहीं रहे तो उन्होंने अनन्या से कहा कि अब हम आपका डिजिटल अरेस्ट खत्म कर रहे हैं आप अपना स्काइप अकाउंट अब लॉग आउट कर सकते हैं।

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