Raksha Bandhan Real Story

Raksha Bandhan Real Story : रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल 11 और 12 अगस्त, दोनों ही दिन पूर्णिमा (Purnima) तिथि रहने के कारण आप दो दिन राखी का त्योहार मना सकते हैं।

रक्षाबंधन का त्योहार (Festival) केवल राखी बांधने तक ही सीमित नहीं है बल्कि, यह बहन भाई की भावनाओं का भी पर्व है। आमतौर पर इस पर्व (Raksha Bandhan) को भाई-बहन से जोड़कर ही देखा जाता है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी की रक्षाबंधन की शुरुआत पति पत्नी द्वारा की गई थी।

पूर्णिमा के दिन बांधा था रक्षासूत्र

Raksha Bandhan Real Story

Raksha Bandhan Real Story : जिस दिन इंद्राणी शची ने देवराज इंद्र की कलाई पर ये रक्षासूत्र बांधा उस दिन पूर्णिमा तिथि थी। इसके बाद जब इंद्र युद्ध करने के लिए पहुंचे तो उनका साहस और बल देखने लायक था। देवराज ने अपनी ताकत के बल पर वृत्रासुर को मार गिराया। इस कहानी से पता चलता है कि अपने सुहाग की रक्षा के लिए पत्नी भी अपने पति की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकती हैं।

श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को दिया रक्षा वरदान

Raksha Bandhan Real Story

Raksha Bandhan Real Story : एक बहुत ही प्रचलित कथा भगवान कृष्ण (God Krishna) और द्रौपदी (Draupadi) की है। जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध करने के लिए चक्र चलाया तो इस दौरान उनकी अंगुली कट गई और उनका खून टपकने लगा।

Raksha Bandhan Real Story

तब भगवान कृष्ण का खून रोकने के लिए द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर भगवान की अंगुली पर बांध दिया। तब कृष्ण ने द्रौपदी को वचन देते हुए कहा कि जब भी वह संकट में होंगी तो वह उनकी सहायता के लिए हमेशा पहुंच जाएंगे, और द्रौपदी के चीरहरण के दौरान उन्होंने अपना वचन पूरा भी किया।

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