चोरी के मामले में दो आदिवासी महिलाओ को निर्वस्त्र कर पीटा, बीजेपी ने सीएम ममता से किए सवाल, बोले- अब तक कार्यवाही क्यों नहीं

West Bengal Violence : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मालदा से जिले मणिपुर (Manipur) जैसी घटना सामने आ रही है. इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि दो महिलाओ को चोरी के शक के आरोप में उनको पीटा गया और उनके कपडे फाड़ दिए गए. इस घटना (West Bengal Violence) को लेकर बंगाल की सिएम (Bengal CM) ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) पर बीजेपी काफी सवाल पूछ रही है. मणिपुर की घटना के बाद से बंगाल (West Bengal Violence) में लगातार महिलाओं के उत्त्पीरण के मामले सामने आ रहे है.
चोरी के आरोप में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटा
बताया जाता है कि पीड़ित दोनों महिलाएं 19 जुलाई को स्थानीय हाट गई थीं. इस दौरान हाट की अन्य महिलाओं ने उस पर चोरी का इलजाम लगाते हुए मारपीट शुरू कर दी और देखते ही देखते बाजार में मौजूद अन्य महिलाएं उग्र हो गईं और चप्पलों से दोनों को पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान (West Bengal Violence) उनके कपडे फाड़ दिए गए. बताया जा रहा है कि महिलाएं चोरी करते हुए पकड़ी गई थीं, वे भाग गईं और उन्होंने डर से शिकायत भी दर्ज नहीं कराई. पुलिस का कहना है कि स्वत संज्ञान में लेकर मामला दर्ज किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. यह मामला मालदा जिले (Malda Distrct) के पकुआहट (Pukuaahat) इलाके का है जहाँ हर मंगलवार साप्ताहिक बाज़ार लगता है.
भाजपा का मुख्यमंत्री ममता पर तंज
इस घटना को लेकर बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि बंगाल में आतंक का कहर जारी है. उन्होंने कहा, इस घटना (West Bengal Violence) से ममता बनर्जी का दिल टूट जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस बर्बरता की निंदा तक नहीं की, क्योंकि इससे एक मुख्यमंत्री (CM) व गृह मंत्री (Home minister) के रूप में उनकी विफलता उजागर होती नज़र आ रही है.
मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘दो आदिवासी महिलाओं को नग्न किया गया, प्रताड़ित किया गया और बेरहमी से पीटा गया, जबकि पुलिस (Bengal Police) मुह निहारते कड़ी रही. उन्होंने महिलाओं को भीड़ बचाने की कोशिश भी नहीं की. बाद में पुलिस ने इस घटना में संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली हैं. महिला सामाजिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदाय से थी और एक उन्मादी भीड़ उसके खून के लिए तरस रही थी. यह एक ऐसी त्रासदी की ओर ले जा रहा है जिससे ममता बनर्जी का दिल ‘टूट’ जाना चाहिए था और वह कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि वह बंगाल की गृह मंत्री भी हैं.