मोदी कैबिनेट का फिल्म जगत के लिए बड़ा फैसला, पायरेसी पर रोक लगाने के लिए सिनेमेटोग्राफी एक्ट 2023 को मिली मंजूरी
Cinematography Bill 2023: मोदी कैबिनेट ने फिल्म जगत को लेकर आज बुधवार 19 अप्रैल को एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बताया कि आने वाले संसद सत्र में सरकार द्वारा सिनेमेटोग्राफी बिल 2023 लाया जाएगा. जिससे फिल्मी जगत में पायरेसी को रोकने में सहायता मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि- फिल्म जगत, कलाकारों और प्रशंसकों से जुड़ा हुआ फैसला लिया गया है. पिछले लंबे समय से मांग थी कि पायरेसी पर कुछ किया जाए. जिसको लेकर आज कैबिनेट ने ये अनुमति दी है.
पूरे फिल्म जगत को होगा लाभ- अनुराग ठाकुर
फ़िल्म जगत, कलाकारों और प्रशंसकों से जुड़ा हुआ निर्णय लिया गया है। बहुत समय से मांग थी कि पायरेसी पर कुछ किया जाए। आज कैबिनेट ने अनुमति दी है कि संसद के आने वाले सेशन में सिनेमेटोग्राफ एक्ट 2023 लाया जाएगा: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, दिल्ली pic.twitter.com/MmSnmmXqQ4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2023
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने सिनेमेटोग्राफी बिल 2023 को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि- “पायरेसी को लेकर 2019 में एक विधेयक पेश किया गया था और उसे संसद की स्थायी समिति को भेजा गया था. स्थायी समिति ने इस पर सुझाव दिए थे. फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी से नुकसान नहीं हो, इसलिये यह विधेयक तैयार किया गया है. इससे पूरे फिल्म जगत को लाभ होगा.”
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने आगे बताया कि- “नेशनल क्वांटम मिशन के लिए भी मंजूरी सरकार ने दी है. इसके लिए 6,003 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. साल 2023-24 से 2030-31 तक का इसकी समय सीमा है.”
पीएम मोदी ने किए कई क्रांतिकारी कार्य
इस दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि- “पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई क्रांतिकारी कार्य किए हैं और यह मिशन इस दिशा में एक बड़ा कदम है.”
उन्होंने कहा कि- “आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे बड़े पक्षकारों में शामिल है. उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत छह देशों की साथ खड़ा हो गया है जिनके पास इस तरह की क्षमता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि इन देशों में अमेरिका, कनाड़ा , फ्रांस , आस्ट्रिया , फिनलैंड और चीन शामिल है.”