Bihar में पत्रकार विमल यादव के बाद एक और हत्या से दहला इलाका, रिटायर्ड टीचर की हुई मौत

Bihar: बिहार में जंगल राज, खुले आम कत्ल की वारदातों को दिया जा रहा है अंजाम, पहले अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या के बाद अब बेगूसराय में एक रिटायर्ड टीचर को उतारा मौत के घाट। कहा जा रहा है कि वे भी एक केस के गवाह थे और इसी वजह से उन्हें मौत के घाट उतारा गया।
दिनदहाड़े रिटायर्ड शिक्षक की गोली मारकर हत्या
बेगूसराय में दिनदहाड़े रिटायर्ड शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह भी पत्रकार विमल यादव की तरह एक मर्डर केस के गवाह थे, जिस केस के वो गवाह थे वो उनके बेटे की हत्या का ही मामला था। वह अपने बेटे के हत्यारे को सजा दिलाना चाहते थे। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई।
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घटना बछवारा थाना क्षेत्र के फतेहा हॉल्ट के पास की है। मृतक की पहचान फतेहा निवासी रिटायर्ड शिक्षक जवाहर चौधरी के रूप में की गई है। 2 साल पहले जवाहर के छोटे बेटे की भी अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। ग्रामीणों का कहना है कि जमीनी विवाद में अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है। पुलिस के अनुसार, अपराधियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि रिटायर्आड टीचर की हत्या करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उनके छोटे बेटे का हत्यारा है। इस एंगल की भी गंभीरता से जांच की जा रही है।
परिजनों ने बताई पूरी वारदात
परिजनों का कहना है कि जवाहर चौधरी मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इसी दौरान बाइक सवार अपराधी आए और गोली मार दी। गोली लगते ही वो जमीन पर गिर गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुत्र की हत्या के मामले में उनकी गवाही होनी थी और इस वजह से अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। लोगों का कहना है कि दिनदहाड़े मर्डर से इलाके में दहशत का माहौल है। इस वारदात के बाद लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में शामिल सभी अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
यहां पत्रकार भी नहीं सुरक्षित
कुछ दिन पहले ही अररिया के रानीगंज में दिनदहाड़े दैनिक अखबार के पत्रकार विमल यादव (36) की हत्या कर दी गई। अपराधियों ने घर के दरवाजे पर चढ़कर मेन गेट खुलवाया। जैसे ही पत्रकार गेट पर आए वैसे ही सीने में गोली दाग दी। परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी | विमल के भाई की २ साल पहले हत्या क्र दी गयी थी और विमल उसमे मुख्य गवाह थे और आरोपी को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए इसलिए बचने के लिए उसने ही विमल की भी हत्या करवा दी।
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