PM Vishwakarma Yojana: पुनर्जीवित होंगी भारत की हस्तशिल्प परंपराएं, बदलेगी लाखों लोगों की जिंदगी

PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत में कुशल कारीगरों को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए लाल किले से ‘विश्वकर्मा योजना’ का उद्घाटन किया। 17 सितंबर को लॉन्च होने वाली यह योजना उत्कृष्टता और रचनात्मकता के पोषण पर सरकार के फोकस का एक प्रमाण है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन कारीगरों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए बजट में किए गए प्रावधान पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्वकर्मा योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में विश्वकर्मा योजना की घोषणा ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की आजीविका की संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना का मार्ग प्रशस्त किया है। इस घोषणा के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारंपरिक कौशल और शिल्प को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए इस योजना को तेजी से मंजूरी दे दी।
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विश्वकर्मा योजना के लाभ
प्रशिक्षण और कौशल संवर्धन: पारंपरिक कारीगरों को व्यापक 6-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाने का एक अमूल्य अवसर प्राप्त होगा। यह प्रशिक्षण बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची और अन्य लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है, जो उन्हें उन्नत तकनीकों और ज्ञान से सशक्त बनाता है।
वित्तीय सहायता: यह योजना प्रशिक्षण से आगे बढ़कर 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह मौद्रिक सहायता लाभार्थियों को अपने प्रयासों को शुरू करने और अपने व्यवसायों का विस्तार करने में सक्षम बनाती है, जिसके परिणामस्वरूप आजीविका में सुधार होता है।
रोजगार के अवसर: पीएम विश्वकर्मा योजना रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक उत्प्रेरक है। इसका लक्ष्य आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा देते हुए, सालाना लगभग 15,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा करना है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन करके योजना तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यह उपयोगकर्ता-अनुकूल दृष्टिकोण आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि योग्य उम्मीदवार आसानी से योजना का लाभ उठा सकें।
पूर्ण लागत कवरेज: राज्य सरकार विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पूरी लागत को कवर करने की जिम्मेदारी लेती है। यह सुनिश्चित करता है कि कारीगर बिना किसी वित्तीय बोझ के उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
पारंपरिक शिल्प और कौशल बढ़ाबा
विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जिसे पारंपरिक शिल्प और कौशल में लगे व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह योजना कारीगरों को एक मजबूत सहायता प्रणाली प्रदान करना चाहती है, जिससे उन्हें अपने शिल्प में फलने-फूलने में सक्षम बनाया जा सके और साथ ही भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान दिया जा सके।
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