गोरखपुर दंगा मामले में Yogi Adityanath पर आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट, जानें क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश: राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से जुड़े एक आपराधिक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सीएम योगी पर (Yogi Adityanath) 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप का है. यूपी सरकार ने मामले में मुकदमा चलाने की इजाज़त देने से मना कर दिया था. जिसपर याचिकाकर्ता ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता परवेज़ परवाज का कहना था कि तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के भाषण के बाद 2007 में गोरखपुर में दंगा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई. जिसपर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
योगी के खिलाफ नहीं मिला कोई सबूत
मामले में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के लिए पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि बिना बात के इसे लंबा खींचा जा रहा है क्योंकि अब योगी राज्य के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि कई साल जांच के बाद भी सीआईडी को कोई सबूत नहीं मिला है. उस दौरान राज्य में दूसरी पार्टियों की सरकार थी. पुलिस के पास मुकदमें के लायक पर्याप्त सबूत नहीं हैं. जिसके कारण राज्य के कानून विभाग और गृह विभाग ने मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया था. इसे पहले निचली अदालत और 2018 में हाई कोर्ट भी मान कर चुके हैं.
सिब्बल ने सुनवाई से किया मना
मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 20 अगस्त 2018 को नोटिस जारी किया था. वहीं, आज मौजूदा चीफ जस्टिस एन वी रमना की बेंच ने इस पर आदेश सुरक्षित रखा है. मामले में दिलचस्प बात यह भी देखने को मिली की याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकिल कपिल सिब्बल ने बिना कोई कारण बताए केस लड़ने से मना कर दिया था. जिसके बाद परवेज की ओर से फुजैल अय्यूबी ने दलील रखी.
क्या है पूरा मामला?
जनवरी 2007 में, मुहर्रम के त्योहार के दौरान दो पक्षों में हुए टकराव के दौरान राजकुमार अग्रहरी नाम के एक युवक की मौत हो गई थी. उस समय योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखपुर के सांसद होने के नाते घटनास्थल पर पहुंचे थे. कहा जाता है कि उस दौरान गोरखपुर के जिलाधिकारी ने सांप्रदायिक तनाव के देखते हुए घटनास्थल का दौरा करने से रोकने को लेकर आदेश जारी किया था.
जिसके बावजूद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) वहां गए और इसके बाद उन्होंने कथित उग्र भाषण दिया, जिसमें एकत्रित लोगों से राजकुमार की मौत का ‘बदला’ लेने का अह्वान किया गया था. मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है.
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