April 30, 2024

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हर पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है, जानिए इसके पीछे का मुख्य कारण

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Lord Ganesha

Lord Ganesha: हिंदू शब्दशः में, ‘श्री गणेश’ वाक्यांश किसी भी कार्य की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से यह कुछ अच्छे और सकारात्मकता की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। कई हिंदू अनुष्ठान सबसे पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा से ही शुरू होते हैं। इसे जानने के लिए हमें भगवान गणेश की कहानी पर एक संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है।

कैसे गणपति हुए गजानन

Lord Ganesha

प्रभु शिव ने जब मां पार्वती द्वारा निर्मित गणेश जी का वध कर दिया तो इससे मां पार्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने पूरी सृष्टि को नष्ट करने की धमकी दी। भगवान शिव ने तब भगवान गणेश (Lord Ganesha) को पुनः जीवित करने के लिए गणपति के सिर को एक हाथी के सिर में बदल दिया और उन्हें सभी देवताओं में सबसे आगे रखा। गणेश के शरीर पर हाथी का सिर गजासुर का था, एक हाथी जो भगवान शिव को उसकी मृत्यु के बाद उसके सिर को सुशोभित करने की कामना करता था, भगवान शिव ने उस गजासूर के सिर से अपने पुत्र को नया जीवन दान दिया।

शिव द्वारा वरदान

Lord Ganesha

अपने पुत्र गणेश के प्रति शिव और पार्वती के प्रेम और भक्ति को देखकर, भगवान शिव ने गणेश को आशीर्वाद दिया और भक्तों से कहा कि कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले हमेशा सभी गणेश की पूजा अवश्य करें।

हिंदू धर्म में गणपति की विशेषता

Lord Ganesha

इसलिए हिंदू विचारधारा में हर कथा या पूजा से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा अवश्य की जाती है। कई लोग भगवान गणेश के हाथी के सिर को उनकी बुद्धि से जोड़ते हैं। इस प्रकार वह सभी शुभ कार्य गणेश आरती या गणेश मंत्र से ही शुरू करते हैं।

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