April 30, 2024

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अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री Hemant Soren को सुप्रीम राहत, हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई निरस्त, सोरेन ने कहा- सत्यवमेव जयते!

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Hemant Soren

Hemant Soren Mining Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को खनन पट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में चल रही खनन पट्टा मामले की सुनवाई को निरस्त कर दी है. दरअसल हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट (Hemant Soren Mining Case) में दायर जनहित याचिका के बाद सुनवाई चल रही थी. जिसका सोरेन सरकार ने विरोध किया था.

सुनवाई के योग्य नहीं मामला- सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था. जिसके बाद हेमंत सोरेन ने ईडी दफ्तर जाने से इंकार कर दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने ईडी को चैलेंज देते हुए यह कहा कि- यदि उन्होंने कोई जुर्म किया है तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. दरअसल शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोरेन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के योग्य नहीं माना है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस निर्णय को सत्य की जीत बताया. हेमंत ने ट्वीट करते हुए सत्यमेव जयते लिखा. बता दें कि अवैध खनन मामले में जस्टिस यूयू ललित न्यायमूर्ति रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान जब ईडी ने सीलबंद लिफाफे में सबूत को पेश करने को कहा. जिसपर जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि- सील बंद रिपोर्ट को पेश करने का क्या मतलब है. उसे बाद में देखा जाएगा. यदि आपके पास को सबूत है तो आगे बढ़े. आप याचिकाकर्ता के कंधे पर बंदूक रखकर क्यों चला रहे हैं. यदि आपके पास ठोस सबूत हैं तो आप अपना कार्रवाई जारी रखे. आपको कोर्ट के आदेश की आवश्यकता क्यों हैं?

क्या है पूरा मामला?

Hemant Soren

दरअसल बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में यह दावा किया था, कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सीएम रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया है. उन्होंने कहा कि सोरेन ने सीएम रहते हुए खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें भ्रष्टाचार शामिल हैं.

रघुबर दास ने सोरेन पर जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया था. बता दें कि खनन-वन मंत्री का पदभार भी मुख्यमंत्री हेमंत के पास ही है.

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