JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 75 साल की उम्र में निधन, मध्यप्रदेश के पैतृक बंदाई गांव में कल होगा अंतिम संस्कार
Sharad Yadav Passed Away: जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) का निधन हो गया है. 12 जनवरी गुरुवार की रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. कल शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शरद यादव (Sharad Yadav) के निधन से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर है.
बेटी सुभाषिनी ने ट्वीट कर दी जानकारी
Former Union Minister Sharad Yadav passes away, confirms his daughter through a Facebook post. pic.twitter.com/p56lUeqz7B
— ANI (@ANI) January 12, 2023
शरद यादव (Sharad Yadav) के निधन की खबर उनकी बेटी शुभाषिनी यादव ने दी. शुभाषिनी ने ट्वीट कर बताया कि- “पापा नहीं रहें.” बता दें कि शरद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इस बीच गुरुवार की रात वह अपनी छत पर बेहोश हो गए. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में लाया गया. जहां रात 10 बजकर 19 मिनट पर उनकी मौत हो गई.
फोर्टिस अस्पताल ने अपने जारी बयान में कहा कि- “शरद यादव (Sharad Yadav) को यहां बेहोशी की हालत में लाया गया था. उनके पल्स काम नहीं कर रहे थे. प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सीपीआर दिया गया. लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी. हम उन्हें नहीं बचा सके. उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.”
पैतृक गांव मध्य प्रदेश में होगा अंतिम संस्कार
Family members pay respects to former Union Minister and JDU leader Sharad Yadav at his residence in Delhi's Chhatarpur.
The leader passed away at a private hospital in Gurugram last night. pic.twitter.com/wkzrDVTAVU
— Mahesh Murjani (@maheshmurjani14) January 13, 2023
शरद यादव (Sharad Yadav) के पार्थिव शरीर को दिल्ली के छतरपुर स्थित उनके निवास स्थान पर रखा गया है, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. वहीं, उनके दामाद राज कमल राव ने बताया कि- “उन्हें (शरद यादव) कार्डियक अरेस्ट हुआ था, हम उन्हें अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
उन्हें किडनी की समस्या थी और लंबे समय से वह डायलिसिस पर थे.” उन्होंने बताया कि- “शरद यादव (Sharad Yadav) के पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा. जहां, पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.”
शरद यादव के जीवन पर एक नजर
बड़े समाजवादी नेताओं में शुमार शरद यादव (Sharad Yadav) का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के बंदाई गांव में हुआ था. वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे. शरद पढ़ने लिखने में काफी तेज थे. उन्होंने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले शरद यादव ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी बड़ी पहचान बनाई. वहीं, बिहार की राजनीति में उन्होंने अपना परचम लहराया.
शरद यादव (Sharad Yadav) जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके थे. हालांकि नीतीश कुमार से हुए विवाद के बाद उन्होंने जदयू का साथ छोड़ दिया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी खुद की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल की शुरुआत की. जिसे मार्च 2020 में उन्होंने लालू यादव के संगठन राजद में विलय कर दिया. उस समय उन्होंने कहा था कि-एकजुट विपक्ष की ओर पहला कदम था.
राम मनोहर लोहिया थे आर्दश
शरद यादव (Sharad Yadav) डॉ. राम मनोहर लोहिया को अपना आर्दश मानते थे. उनके विचारों से वह बहुत प्रेरित थे. लोहिया से प्रेरणा पाकर शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था. इतना ही नहीं, शरद यादव MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में जेल की यात्रा भी कि.
साल 1974 में शरद यादव (Sharad Yadav) ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. तब वे पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. बता दें कि शरद यादव कुल सात बार यूपी एमपी और बिहार से चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.