May 3, 2024

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सुप्रीम कोर्ट ने 10 प्रतिशत EWS Reservation को दी हरी झंडी, आर्थिक आधार पर जनरल को शिक्षा और नौकरी में मिलेगा आरक्षण

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SC decision will continue EWS reservation

EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने आज 7 नवंबर 2022 को EWS आरक्षण में अहम फैसला सुनाया है. मामले की सुनवाई कर रहे 5 जजों में 3 ने इसके पक्ष में मुहर लगाई है. वहीं, दो जजों ने इसका समर्थन करने से इंकार कर दिया.

जिसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए EWS आरक्षण (EWS Reservation) को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. बता दें कि इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर जनरल समुदाय के लोगों को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियां में 10 प्रतिशत का आरक्षण जारी रहेगा.

3 जजों ने  EWS आरक्षण पर जताई सहमती

बता दें कि EWS आरक्षण (EWS Reservation) की सुनवाई कर रहे पांच जजों में से जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पारदीवाला  आरक्षण के पक्ष में रहे. उनका कहना है कि आर्थिक आरक्षण (EWS Reservation) संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ नहीं है. जिसके साथ ही इन 3 जजों ने 103वां संशोधन वैध बताया. गौरतलब है कि 103वें संशोधन के साथ ही संविधान में आर्टिकल 15(6) और 16(6) को शामिल किया, जिससे EWS को 10 प्रतिशत तक आरक्षण मिलता है.

वहीं, इनके अलावा चिफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट ने इस आरक्षण के खिलाफ असहमति जताई. आर्थिक आरक्षण (EWS Reservation) को वैध ठहराए जाने के बाद रविन्द्र भट ने कहा कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा SC/ST/OBC समुदाय का है. उनमें बहुत से लोग गरीब हैं. इसलिए, 103वां संशोधन गलत है. जस्टिस एस रवींद्र भाट ने 50 प्रतिशत से ऊपर आरक्षण देने को भी गलत ठहराया है.

किसे कितना आरक्षण मिलता है?

EWS Reservation

आपको बता दें कि देश में बनाए कानून के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती. हालांकि वर्तमान समय में देश में 49.5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. जिसमें ओबीसी को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों (एससी) को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को 7.5% आरक्षण की व्यवस्था है. इनके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10% आर्थिक आरक्षण (EWS Reservation) दिया जाता है.

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