May 2, 2024

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Ram Mandir: कांग्रेस ने ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, बीजेपी ने दिया करारा जवाब

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Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। ऐसे में अक्षत के साथ हर किसी के घर समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी को भी निमंत्रण पत्र भेजा गया। लेकिन कांग्रेस ने न्योता ठुकराते हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में जाने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी समारोह में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट करार दिया है।

दरअसल कांग्रेस ने अपने बयान में यह कहा था कि ”हमारे जिन नेताओं को न्योता मिला है, वे नहीं जाएंगे अन्य कोई नेता भी इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेगा” और सोचने वाली बात यह है कि कांग्रेस ने न्योता मिलने के 21 दिन बाद अयोध्या ना जाने का फैसला लिया है। इससे पहले तो कांग्रेस खुद को राम और राम मंदिर से जोड़ती आ रही है। अब आचानक से जाने से इनकार करना कांग्रेस की किसी रणनीति का हिस्सा लग रहा।

बीजेपी के इवेंट में कांग्रेस नहीं जाएगा

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बुधवार को कांग्रेस ने एक बयान जारी किया था और बताया कि ”पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन को 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला था। लेकिन यह बीजेपी और आरएसएस का इवेंट है और चुनावी लाभ के लिए अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। इसलिए कांग्रेस पार्टी न्योते के सम्मान को अस्वीकार करती है। कांग्रेस पार्टी से कोई नेता अयोध्या के कार्यक्रम में नहीं जाएगा।”

मुस्लिम वोटर्स की नाराजगी का डर

देश में कुल मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 15 प्रतिशत है और बड़ी बात यह है कि लोकसभा चुनाव में देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम वोट कांग्रेस पार्टी को ही मिलते हैं। पिछले चुनाव में उत्तर भारत के कई राज्यों में कांग्रेस को 50 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिमों ने वोट किया था। यानी आधे से ज्यादा मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के साथ है। खबरों कि माने तो पार्टी अगर अयोध्या जाती तो इससे एक बड़ा मुस्लिम वर्ग नाराज हो सकता था और इसका खामियाजा कांग्रेस को चुनाव में भुगतना पड़ता। इसलिए कांग्रेस ने अयोध्या ना जाने का फैसला लिया होगा।

कांग्रेस से पहले ‘राम सबके हैं 

कांग्रेस ने यह बताया कि ”राम मंदिर के कार्यक्रम में ना जाने का फैसला सोच समझकर लिया गया है और कांग्रेस ने करीब 21 दिन यह बताने में लगा दिए कि पार्टी नेता 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे।” कांग्रेस से पहले ‘राम सबके हैं’ कहते हुए कांग्रेस के दूसरे सहयोगी भी लगभग वही वजह गिनाते हुए इनकार कर चुके हैं, जो कांग्रेस अब बताती है।

बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : आचार्य प्रमोद

वहीं, कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,” राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।”

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कांग्रेस ऐसे राजनीतिक निर्णय से दूर रहे

बता दें वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी के इस फैसले से नाराजगी जाहिर की है। गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,“भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”

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कांग्रेस ऐसे राजनीतिक निर्णय से दूर रहे

बता दें वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी के इस फैसले से नाराजगी जाहिर की है। गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,“भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”

 

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