PM Modi US Visit : अमेरिका के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, कई अहम मुद्दों पर होगी बातचीत
PM Narendra Modi US Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उनकी पत्नी जिल बाइडेन (Jill Biden) के न्यौते पर अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं। वे अमेरिका के चार दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए निकल चुके हैं। ऐसे में उन्होंने यात्रा शुरू करने से पहले ट्वीट करके US Congress को धन्यवाद कहा है।
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर लिखा कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग अमेरिका की उनकी आगामी यात्रा को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं और इस तरह का समर्थन भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई दिखाता है.
कई मुद्दों पर होगी बातचीत
Leaving for USA, where I will attend programmes in New York City and Washington DC. These programmes include Yoga Day celebrations at the @UN HQ, talks with @POTUS @JoeBiden, address to the Joint Session of the US Congress and more. https://t.co/gRlFeZKNXR
— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2023
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने अमेरिका में भारतीय दूतावास के ट्विटर अकाउंट को टैग किया, जिसमें अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों, व्यापारिक नेताओं, भारतीय-अमेरिकियों सहित कई लोगों के वीडियो हैं. इसमें वे प्रधानमंत्री की यात्रा पर उनके स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से शुरू होने वाली अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे और न्यूयॉर्क में योगा दिवस कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।
इस चार दिवसीय दौरे में पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी (PM Narendra Modi) कई अहम सौदों पर मुहर लगा सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम इस दौरान फाइटर जेट्स इंजन की डील पर बातचीत कर सकते हैं।
भारत में बनाए जाएंगे फाइटर जेट्स के इंजन
बता दें कि फाइटर जेट्स के इंजन भारत में तैयार करने को लेकर भारत और अमेरिका की एक अहम डील हुई है इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि जो बाइडन से मुलाकात के बाद इस डील पर काम शुरू किया जा सकता है। जल्द भारत में फाइटर जेट्स का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है। इन फाइटर जेट्स का प्रोडक्शन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और जनरल इलेक्ट्रिक साथ मिलकर करेंगे।
इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को बड़े स्तर पर लेकर जाने की बात हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका भारत को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी के तहत ट्रेड में शामिल होने के लिए कह सकता है। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) मुहर लगा सकते हैं।
वीजा के वेटिंग टाइम को लेकर भी होगी चर्चा
इसके अलावा वीजा के वेटिंग टाइम को लेकर भी चर्चा हो सकती है। अभी के समय में अमेरिकी वीजा लेने के लिए भारतीयों को सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार वीजा के लिए 600 दिनों का भी समय लग जाता है। इससे पहले कुछ अमेरिकी सांसदों की तरफ से भी इस मुद्दे को उठाया गया था और भारतीयों के लिए वीजा वेटिंग टाइम को कम करने की मांग की गई थी।
ऐसे में अगर इस मुद्दे पर बात बनती है तो भारतीयों को अमेरिकी वीजा के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के चार दिवसीय यात्रा में कई और जरूरी मुद्दों पर भी बात की जा सकती है। वहीं ऐसा लग रहा है कि अमेरिका और भारत की ये मुलाकात चीन को रास नहीं आ रही।
कार्यभार संभालने के बाद छठी अमेरिकी यात्रा
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की अमेरिका यात्रा पर चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक आर्टिकल छपा है जिसमें लिखा है कि साल 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से मोदी की यह छठी अमेरिका यात्रा है, लेकिन अमेरिका की उनकी पहली राजकीय यात्रा है। अमेरिका चीन का सामना करने और उसकी आर्थिक प्रगति पर रोक लगाने के लिए भारत को आगे बढ़ाने का प्रयास करता दिख रहा है। ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद
अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक वित्तीय वर्ष में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में ये भारत की अर्थव्यवस्था के लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा नहीं है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों से चीन को कोई नुकसान हो रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में जहां अमेरिका की तरफ से भारत का निर्यात बढ़ रहा है वहीं चीन से भी भारत का निर्यात बढ़ा है।
आंकड़ों की मानें तो वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका को भारत का निर्यात 2.81 प्रतिशत बढ़कर 78.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान, चीन से भारत का आयात 4.16 प्रतिशत बढ़कर 98.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया. चीन भारत के लिए शीर्ष आयात स्रोत के रूप में बरकरार है। इसके बावजूद भी चीन लगातार भारत और अमेरिका के रिश्तों पर नाराजगी जता रहा है।
यह भी पढ़ें : Nehru Museum Renamed: कांग्रेस के दिए नामों को बदलने में लगी है भाजपा, अब बदला यह नाम