May 5, 2024

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Navratri 2024: नवरात्री के नौ दिनों में मां के किस रूप की करें आराधना, जानें नौ रूपों का क्या है महत्व?

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Navratri 2024

Navratri 2024

Navratri 2024: इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पक्ष की नवरात्रि 9 मार्च दिन मंगलवार से शुरू हो रहे है, नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है मां को प्रसन्न रखने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं नवरात्रि के दौरान विधि विधान से मा दुर्गा की पूजा अर्चना करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है, आईए जानते हैं मां के नौ रूपों के बारे में

शैल पुत्री

1.मां दुर्गा का प्रथम रूप है शैल पुत्री। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म होने से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। नवरात्रि की प्रथम तिथि को शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनके पूजन से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण रहते हैं।

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ब्रह्मचारिणी

2. मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। मां दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।

चंद्रघंटा

3. मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है व आकर्षण बढ़ता है।

कुष्मांडा

4. चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों, निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।

स्कंदमाता

5. नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।

कात्यायनी

6. मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है। इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है

काली रात्रि

7. नवरात्रि की सप्तमी के दिन मांं काली रात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है। तेज बढ़ता है।

मांं गौरी

8. देवी का आठवांं रूप मांं गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। महागौरी की पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर चेहरे की कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है। शत्रु-शमन होता है।

सिद्धिदात्री

9. मां सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्रि की नवमी के दिन किया जाता है। इनकी आराधना से जातक अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसांयिता, दूर श्रवण, परकाया प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्तनव-निधियों की प्राप्ति होती है।

तो कुछ इस प्रकार था मां के नौ रूपों का वर्णन और उनकी पूजा से प्राप्त होने वाले फल आप सभी को चैत्र पक्ष की नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं आशा है कि इस नवरात्रि मां आपके घर सुख समृद्धि और ढेर सारी खुशियां लेकर आए।

 

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