चंद्रयान-3 के लिए हो जाइए तैयार, इस खास तारीख को ISRO करने जा रही है लॉन्च
Chandrayaan 3 : अपने अनुसंधानों और अकल्पनीय परियोजनाओं से अंतरिक्ष में अपना लोहा मनवाने वाली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) देश की महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन परियोजना के तहत चंद्रयान-3 को जल्द ही लॉन्च करने जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 12 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) को लॉन्च किया जाएगा और 23 अगस्त 2023 को ये चंद्रमा ध्रुव पर लैंड करेगा। इसके लिए तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।
3 अगस्त को दक्षिणी ध्रुव में करेगा सॉफ्ट लैंडिंग
WE HAVE A LAUNCH DATE!
On 12th July 2023, a GSLV Mk-III rocket will lift off from the Sriharikota launching the Chandrayaan-3 spacecraft which will then attempt a soft touchdown near the Lunar South Pole on 23rd August! 🇮🇳 #ISRO https://t.co/Ilgh3J4ZcO pic.twitter.com/m9D541TVhd— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) May 21, 2023
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की लॉन्चिंग की जानकारी के लिए इसरो स्पेस फ्लाइट ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में लिखा है, “लॉन्चिंग की तारीख सामने आ गई है। 12 जुलाई 2023 को एक GSLV Mk-III रॉकेट श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान लॉन्च करेगा। यह 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में एक सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा।”
सुत्रों की माने तो, चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में है। यहाँ इसके पेलोड की फाइनल असेंबली होनी है। इससे पहले, इसी साल मार्च में वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के सभी आवश्यक टेस्ट पूरे कर लिए थे। इस टेस्ट में लॉन्चिंग के दौरान होने वाले तेज कंपन व वातावरण में होने वाले बदलावों पर चंद्रयान-3 पूरी तरह खड़ा उतरा है।
GSLV Mk-3 द्वारा लॉन्च किया जाएगा
जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) मिशन एक साथ कई उपकरण लेकर जाएगा और ये उपकरण चंद्रमा की सतह पर भूकंप, प्लाज्मा और मौलिक संरचना की थर्मल-फिजिकल प्रॉपर्टीज की स्टडी में मदद करेंगे।
चंद्रमा की सतह व अन्य जाँच के लिए वहाँ जाने वाले स्पेसक्रॉफ्ट को देश के सबसे मजबूत लॉन्च व्हीकल GSLV Mk-3 द्वारा लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। बड़ी बात है कि चंद्रयान-3 को स्पेसक्राफ्ट के तीनों सिस्टम प्रोपल्शन, लैंडर और रोवर से मिलाकर बनाया गया है।
इस बार नहीं होगी पिछली बार वाली गलती
पिछली बार चंद्रयान-2 की लैंडिंग में लगभग 400 मीटर पहले ही लैंडर से संपर्क टूट गया था जिसके चलते वैज्ञानिक इस बार कोई भी गलती नहीं दोहराना चाह रहे है इसके लिए तैयारियां जोरो पर चल रही है। और इसके लिए वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग तकनीक में बड़ा बदलाव किया है। इसमें ज्यादातर प्रोग्राम को ऑटोमैटिक किया गया है।
यही नहीं, चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) में लैंडिंग समेत अन्य कार्यों के लिए सैकड़ों सेंसर्स लगाए गए हैं। ये सेंसर लैंडर की लैंडिंग के समय ऊँचाई, लैंडिंग की जगह, स्पीड और लैंडर को पत्थर से बचाने मदद करेंगे। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर 7 किलोमीटर की ऊँचाई से लैंडिंग शुरू करेगा। इसके बाद 2 किलोमीटर की ऊँचाई पर आते ही इसके ऑटोमेटिक सेंसर्स काम करने लगेंगे।
यह भी पढ़ें : खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे..,एक बार फिर किसी ने नहीं दिया पड़ोसी देश का साथ, इस मुद्दे पर खाली हाथ रह गया पाकिस्तान