May 2, 2024

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अब भारत की ये बड़ी कंपनी करेगी iPhone 15 और iPhone 15 Plus को असेंबल, जानिए किन वजहों से मिली जिम्मेदारी

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Tata Group

iPhone Manufactured by Tata Group In India : पुरी दुनिया में अपने फोन से पहचान बनाने वाली कंपनी ऐपल (Apple) ने iPhone 15 सीरीज के दो मॉडल बनाने के लिए भारत को चुना है। भारत में अब टाटा ग्रुप (Tata Group) ऐपल के अपकमिंग मॉडल iPhone 15 और iPhone 15 Plus को भारत में असेंबल करेगा।

इससे पहले भारत में इसको असेंबल करने का काम फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और लक्सशेयर जैसी कंपनियाँ के पास था। लेकिन इस बार इस रेस में टाटा ग्रुप भी शामिल हो गया हैऔर टाटा ग्रुप भारत में iPhone बनाने वाली चौथी कंपनी बनेगी।

टाटा ग्रुप करेगी निर्माण

मार्केट इंटेलिजेंस कंपनी TrendForce की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप (Tata Group) को शुरुआत में iPhone 15 और iPhone 15 Plus के प्रोडक्शन का एक छोटा हिस्सा मिलेगा जिसमें टाटा ग्रुप दोनों मॉडल्स का सिर्फ 5 प्रतिशत ही असेंबल करेगा। वहीं, फॉक्सकॉन नए आईफोन के रेगुलर वेरिएंट के 70 प्रतिशत और लक्सशेयर रेगुलर वेरिएंट का 25 प्रतिशत असेंबल करेंगी। कहा जा है कि लक्सशेयर को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 60 प्रतिशत और पेगाट्रॉन को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 35 प्रतिशत मिला है।

टाटा ग्रुप (Tata Group) पहले ही बेंगलुरु में विस्ट्रॉन का आईफोन प्लांट खरीद चुका है, जहाँ iPhone 15 सीरीज को असेंबल किया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी सितंबर के महीने में iPhone 15 को लॉन्च किया जा सकता है। इसमें आईफोन सीरीज के चार मॉडल- आईफोन 15, आईफोन 15 प्लस, आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स शामिल हो सकते हैं।

इससे पहले एपल का मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चीन में था पर  कोरोना महामारी और भू-राजनीतिक संबंधों के कारण उपजे तनाव के बाद Apple का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ था। जिसके बाद चीन से दूर Apple की मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन के चल रहे बदलाव ने TATA GROUP को iPhone असेंबल ऑर्डर हासिल करने में मदद की।

चीन में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद चीन से निकलना चाहती थी कंपनी

बता दें कि 2022 में चीन के झेंगझू में स्थित ऐपल के प्लांट में कामगारों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को हंगामा करते और लाठी से सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए देखा गया था। इस हिंसा का कारण वेतन का भुगतान और प्लांट में कठोर कोविड गाइडलाइन को लेकर था।

ऐपल के इस फैसिलिटी सेंटर में लगभग 3,00,000 कर्मचारी काम करते थे और यहाँ iPhone प्रो के 85 प्रतिशत हिस्से का काम होता था। इसकी वजह ऐपल अपनी उत्पादन फैक्ट्री को चीन से निकालकर भारत और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में लाना चाहता है।

 

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