Dev Deepawali Varanasi: काशी के घाटों पर देव दीपावली की भव्य तैयारी, 21 लाख दीयों से जगमगाएंगे घाट, पूरे शहर में मनेगी दिवाली
Dev Deepawali Varanasi: देश भर में आज 7 नवंबर को बड़े ही धूम-धाम से देव दीपावली मनाया जा रहा है. हर साल कार्तिक महीने के पूर्णिमा को यह त्यौहार मनाए जाने की परंपरा है. इस अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी काशी के घाट पूरी तरह से तैयार है. देव दीपावली (Dev Deepawali Varanasi) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भव्य तैयारी की गई है.
काशी में जलेंगे 21 लाख दीये
देव दीपावली पर आज काशी को 21 लाख से अधिक दीपों से रोशन किया जाएगा. इसके साथ ही हर घाट पर देव दीपावली (Dev Deepawali Varanasi) को लेकर विशेष तरह का आयोजन किया गया है. इसको लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. सभी घाटों को फूलों और रंग बिरंगे झालरों से सजा दिया गया है.
वहीं, शाम 5.15 बजे से पवित्र नदी मां गंगा के तट पर 10 लाख दीये जलाने के साथ देव दीपावली की शुरुआत होगी. देव दीपावली के अवसर पर सिर्फ घाट ही नहीं पूरा बनारस शहर आज एक बार फिर दिवाली मनाएगा.
काशी के गंगा घाट पर आते हैं देवी-देवता
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी-देवता दीपावली (Dev Deepawali Varanasi) मनाने के लिए काशी के गंगा घाट पर आते हैं. इसलिए इस दिन गंगा स्नान करना और दीपदान करने से लोगों पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही जीवन में सौभाग्य सुख और समृद्धि की प्राप्ती होती है. इस अवसर पर आस-पास जिले के साथ ही दूर-दराज इलाके से भी लोग घाट पर दीपदान और स्नान करने आते हैं.
आज के दिन हुआ था त्रिपुरासुर राक्षस का वध
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में दीए जलाए (Dev Deepawali Varanasi) थे. इसलिए हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर काशी में दिवाली मनाई जाती है.
चूंकि ये दीवाली देवों ने मनाई थी, इसीलिए इसे देव दिवाली कहा जाता है. साथ ही इस पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं. कहा जाता है कि इस दिन शिव जी की विशेष पूजा करने से लोगों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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