चमत्कार या अंधविश्वास आखिर बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर क्यो मचा हैं इतना हल्ला?, जानें क्या है पूरा मामला
Dhirendra Shastri Controversy: इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) काफी सुर्खियों में छाए हुए हैं. जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल नागपुर की अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है.
इसके साथ ही समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर चुनौती से भागने का भी आरोप लगाया है. जिसके बाद से बागेश्वर धाम सरकार सुर्खियों में बने हुए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है.?
जानें क्या है पूरा मामला?
#BageshwarDham Dhirendra Shastri got trapped badly, now there is a demand for his arresthttps://t.co/czRlblJAnk https://t.co/xgpzo44Eve
— Edison Plato M (@epawitter1) January 18, 2023
दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में कथा वाचक हैं. वह दावा करते हैं कि वे मन की बात जान लेते हैं. इसके साथ ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उनके दरबार में आए भक्तों को बिना उनके कुछ कहे उनकी समस्या और उसका निवारण बताते हैं.
उनकी कथा के कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते रहते हैं, जिसमें वे ऐसा करते दिखाई देते हैं. ऐसे में उनकी दिन प्रतिदिन लोकप्रियता बढ़ती चली गई और उन्हें अलग-अलग राज्यों से बुलावा आने लगा.
Narrator Dhirendra Krishna Shastri in controversy once again, insulting a dalit man video went viral
People trended on Twitter #ArrestDhirendraShastri#DhirendraShastri pic.twitter.com/VqoIyWgyfJ— The National Bulletin (@TheNationalBul1) May 26, 2022
इस बीच धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) नागपुर में आयोजित कथा में पहुंचे थे. जो 13 जनवरी तक चलना था लेकिन शास्त्री 11 जनवरी को ही वापस लौट गए. जिसपर महाराष्ट्र के नागपुर की संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री अपने दिव्य दरबार में जिन चमत्कारों पर 30 लाख की चुनौती दे डाली और उन्हें उनके मंच पर आकर ऐसा करने का चैलेंज किया.
समिति ने कहा कि- यदि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिया जाएगा. जिसपर बागेश्वर सरकार ने अस्वीकार करते हुए दो दिन पहले ही कथा समाप्त करके वापस लौट आएं.
कोर्ट में जा सकती है समिति
छतरपुर का बागेश्वर धाम इन दिनों बहुचर्चित है। धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगा है कि वो नागपुर से कथा छोड़कर भाग आए थे। वजह अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के चैलेंज को बताया जा रहा है।#DhirendraKrishnaShastri #BageshwarDham pic.twitter.com/rTMPAmAwbV
— Hindustan (@Live_Hindustan) January 17, 2023
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के चुनौती स्वीकार नहीं करने पर अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनपर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. संस्था के एक सदस्य श्याम मानव ने कहा कि-धीरेंद्र शास्त्री भगवान के नाम पर जादू-टोना करते हैं और अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने पुलिस से धीरेद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है.
बता दें कि महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा उन्मूलन कानून है जिसमें अंधविश्वास फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. संस्था ने इसी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद यह खबर सुर्खियों में बन गई. श्याम का कहना है कि यदि पुलिस उनपर कार्रवाई नहीं करती है तो वह कोर्ट की ओर रुख करेंगे.
बागेश्वर धाम सरकार ने स्वीकार की चुनौती
वहीं, अब खबरों के मुताबिक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने चुनौती को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने चुनौती पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- “मैं चुनौती स्वीकार करता हूं. श्याम (जिन्होंने आरोप लगाया है) यहां रायपुर आए, टिकट का खर्च मैं दूंगा. जब हमने दिव्य दरबार लगाया तो श्याम क्यों नहीं आए, अब हमें बदनाम करने की कोशिश हो रही है.”
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कही ये बात
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने आगे कहा कि- “उनपर आरोप लगाने वाले छोटी मानसिकता के लोग हैं. हम 7 दिन की ही कथा करते हैं. हमारा दावा नहीं की हम आपकी समस्या को मिटा देंगे. हमें अपने इष्ट पर भरोसा है. हम अंधविश्वास के पक्षकार नहीं हैं. हमारे इष्ट लोगों की समस्या को दूर करते हैं. क्या हनुमान जी की पूजा करना उनका प्रचार करना गलत है?”
उन्होंने रायपुर में कहा कि-”हनुमान जी की पूजा करना अंधश्रद्धा है तो भारत के जितने भी हनुमान भक्त हैं सब पर एफआईआर होनी चाहिए. फिर कैसे तुम्हारा थोबड़ा लाल करेंगे हनुमान जी.” उन्होंने आगे कहा कि- “हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार.”