DELHI NEWS: दिल्ली में मानव तस्करी गिरोह को CBI ने धर दबोचा, 8 नवजात शिशु किए बरामद
DELHI NEWS: दिल्ली से एक चौेंका देने वाली खबर सामने आई है। CBI के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। दिल्ली-NCR में CBI ने छापेमारी के दौरान चाइल्ड ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) करने वाले गिरोेह का पर्दाफाश किया है। CBI की छापोमारी शुक्रवार यानी 5 अप्रैल से ही चालू है। इस छापेमारी के तहत CBI की टीम को रेस्क्यू के दौरान कई बच्चे बरामद हुए। बच्चों की संख्या 7-8 बताई जा रही है। इस मामले के अंतर्गत कई आरोपियों को भी पकड़ा गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में अस्पताल के वार्ड बॉय समेत कुछ महिला और पुरुष शामिल हैं।
7-8 नवजात बच्चों का रेस्क्यू
खबरों के मुताबिक मानव तस्करी का यह धंधा काफी समय से चल रहा है। यह भी सामने आया है कि अस्पतालों से नवजात बच्चों की चोरी की जाती थी। यह गिरोेह काफी बड़ा है। CBI जांच में जुटी है। दिल्ली के केशव पुरम इलाके में सीबीआई की रेड जारी है। छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम ने एक घर से दो नवजात शिशु को बरामद किया है। अभी तक 7-8 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
Also Read: U.P Madarsa Act 2004 पर आया Supreme Court का फैसला, High Court की याचिका को किया खारिज
नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त
देखने में तो यह मामला पूरी तरह से नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त का लग रहा है। फिलहाल CBI की टीम इस मामले में बच्चों को बेचने वाली महिला और खरीदने वाले व्यक्ति से पूछताछ करने में लगी है। केशव पुरम थाने की पुलिस भी CBI के सहयोग के लिए उनके साथ जुटी हुई है। मानव तस्करी का मामला नया नहीं है न ही, नया है अस्पताल से नवजात शिशुओं का चोरी हो जाना। तमाम तरह की सुरक्षा मुहिम कराने के बाद भी अस्पताल से बच्चे चोरी हो जाते हैं। इन शिशु के साथ अलग-अलग तरह की डील की जाती है।
क्या है चाइल्ड ट्रैफिकिंग?
कुछ खबरों से पता चलता है कि नवजात शिशु की चोरी कर बच्चों को लिंग के आधार पर बेचा जाता है। जिन परिवारों को बेटे की चाह होती है वह मोटी रकम अदा कर चोरी किए गए बच्चे को तस्करी करने वाले गिरोह से खरीद लेते हैं। वहीं जिन्हें लड़की चाहिए होती है वह लड़कियों को खरीद के ले जाते हैं। दूसरे पहलू से समझे यह गिरोह कई दफा एक शहर से दूसरे-शहर तक बच्चों को बेचने के लिए ले जाते हैं।
इन कामों के लिए होती है मासूमों की चोरियां
मानव तस्करी करने वालों का नेटवर्क इतने तेज होता है कि कोई असानी से इन तक नहीं पहुंच पाता। यह आम लोगों के बीच रहकर ही अपना काम कर जाते हैं। कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि यह लोग बच्चों को बड़ा होने तक अपने पास ही रखते हैं इनकी थोड़ी बहुत देखभाल के लिए ताकि बच्चें सांस ले सके और जब वह बड़े हो जाए तो वह उन मासूमों से भीख मांगने जैसा काम करवा सकें। वहीं कई केस में देखा गया है कि यह गिरोह नवजात बच्चियों को इसलिए उठाता है ताकि उन्हों इंजेक्शन दे जल्दी से बड़ा कर उनसे देह व्यापार जैसा घिनौना काम करवा सके। फिलहाल यह गिरोह नवजात शिशुओं की चोरी क्यों करता था? यह तो CBI पूछताछ के बाद ही सामने आएगा।
Also Read: NCERT ने किया बड़ा बदलाव, अब राम जन्मभूमि आंदोलन के बारे में पढ़ेगे छात्र, बाबरी मस्जिद विवाद हटाया