पिछले 9 सालों में इतना बढ़ा भारत का रक्षा निर्यात, मेक इन इंडिया से हुआ ये मुमकिन
Defence Exports of India Increased: देश में मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के कामों के कसीदे पढ़ रहे हैं वहीं दूसरी और भाजपा अपने 9 साल पूरे होने पर बड़े रुप में जनसंपर्क अभियान की तैयारी कर रही है। इस दौरान रक्षा निर्यात को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि पिछले 9 सालों में भारत के रक्षा निर्यात (Defence Exports of India) में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।
मेक इन इंडिया से हुआ ये मुमकिन
रिपोर्ट की माने तो वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात (Defence Exports of India) करीब 16000 करोड़ रुपए रहा। जोकि लगभग 2013-14 से 23 गुना ज्यादा है। उस समय देश का रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपए ही था। यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ के बलबूते मुमकिन हो पाई है। इस समय देश की 100 से ज्यादा कंपनी रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं।
23 गुना ज्यादा हुआ रक्षा निर्यात
Defence Exports Rise 23 Times
▪️ India's defence exports have reached an all-time high, surging from Rs. 686 Crore in FY 2013-14 to nearly Rs. 16,000 Crore in FY 2022-23
▪️ India’s defence industry has shown its capability of design and development to the world, with 100 firms… pic.twitter.com/7c0H7wrTxK
— PIB India (@PIB_India) May 30, 2023
सूचना कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार “भारत का रक्षा निर्यात (Defence Exports of India) अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। देश का रक्षा निर्यात वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 686 करोड़ रुपए था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में यह करीब 16000 करोड़ रुपए हो गया है। रक्षा निर्यात में हुई 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दुनियाभर में रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की उन्नति को दर्शाती है।”
दुनियाभर के 85 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है भारत
प्रेस रिलीज में ये भी बताया गया कि “भारत अब दुनियाभर के 85 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। देश के रक्षा उद्योग ने पूरी दुनिया के सामने अपनी डिजाइन और क्षमता का प्रदर्शन किया है। फिलहाल देश में 100 कंपनियां रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहीं हैं।
रक्षा निर्यात (Defence Exports of India) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते 9 वर्षों में कई नीतिगत पहल की है और इसमें सुधार किए हैं। निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। निर्यात प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया का भी पालन किया जा रहा है।”
आत्मनिर्भर भारत ने किया प्रोत्साहित
रक्षा निर्यात (Defence Exports of India) में देश की तरक्की में आत्मनिर्भर भारत का भी बड़ा योगदान रहा है। इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “आत्मनिर्भर भारत पहल ने देश में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करके देश की मदद की है।
इससे आयात पर निर्भरता कम हुई है। रक्षा उपकरणों व सुरक्षा से संबंधित अन्य समानों के आयात में भी गिरावट आई है। साल 2018-19 में यह कुल व्यय का 46% था। वहीं, अब यह साल 2022 के अंत में यह घटकर 36.7% रह गया।”
लंबे समय तक रक्षा सामग्री के लिए विदेशों पर ही निर्भर था भारत
गौरतलब है कि देश लंबे समय तक रक्षा सामग्री के लिए विदेशों पर ही निर्भर था। हालाँकि अब यह निर्भरता कम होती जा रही है। रक्षा सामग्री के आयात में हुए कुल खर्च में 10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है। विदेशों पर कम होती निर्भरता को लेकर विज्ञप्ति में कहा गया है,
“भारत को कभी रक्षा उपकरणों के आयातक के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब भारत प्रमुख रक्षा उपकरणों को निर्यात कर रहा है। इसमें, डोर्नियर -228, आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर, बख्तरबंद वाहन आदि शामिल हैं। वैश्विक एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर और एमआरओ जैसे भारत के स्वदेशी उत्पादों की माँग भी बढ़ रही है।”
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