भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित BBC Documentary के स्क्रीनिंग को लेकर JNU में भारी बवाल, लेफ्ट और एबीवीपी छात्रों के बीच पत्थरबाजी, जानें पूरा मामला
BBC Documentary Controversy: बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को टारगेट करके बनाई गई डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) को लेकर बवाल जारी है. जेएनयू लेफ्ट संगठन के छात्रों ने बीती रात को पीएम पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) के स्क्रीनिंग को लेकर अड़े थे. जिसको लेकर छात्रों ने कैंपस में मार्च निकाला और प्रदर्शन किया. खबर है कि इस दौरान कैंपस में पत्थरबाजी भी हुई है.
जेएनयू प्रशासन ने नहीं दी थी इजाजत
गौरतलब है कि इससे पहले लेफ्ट संगठन के छात्रों ने कैंपस में सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग को लेकर पैंपलेट्स बाटें थे. वहीं, जब इसकी खबर जेएनयू प्रशासन को लगी तो उन्होंने छात्रों को ऐसा करने से मना किया.
प्रशासन ने कहा था कि ऐसा करने से कैंपस का माहौल खराब हो सकता है. जिसे देखते हुए परिसर में इस बात की इजाजत नहीं दी सकती है. इसके साथ ही प्रशासन ने लेफ्ट छात्र संगठन को उनके इस प्रोग्राम को रद्द करने को कहा था. बावजूद इसके छात्र डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को लेकर अड़े रहे. जिसको लेकर कैंपस परिसर में विवाद हुआ.
कैंपस में कब और कैसे हुई घटना?
जेएनयू में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग, बिजली गुल और छात्रों पर पथराव: ग्राउंड रिपोर्ट https://t.co/9zXrCyprxN
— BBC News Hindi (@BBCHindi) January 24, 2023
दरअसल जेएनयू में लेफ्ट गुट के छात्रों ने कैंपस के एक्टिविटी सेंटर के लॉन में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ को देखने प्लान बनाया था. लेकिन परिसर में तकनीकी खराबी के कारण पूरे कैंपस में शाम 7:30 बजे ही बिजली गुल हो गई.
जिसपर छात्रों ने आरोप लगाया कि- डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए ही बिजली और इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया. इसके बाद छात्र नौ बजे मोबाइल पर एक-दूसरे को लिंक साझा करते हुए मोबाइल टार्च की रोशनी में लैपटॉप और मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री देखने लगे.
एबीवीपी के छात्रों ने किया पथराव- आयशी घोष
जेएनयू छात्रों पर आधी रात पत्थर बरसाए गए, छात्रों ने पत्थरबाजों को पकड़ लिया
ये पत्थरबाज ABVP के कार्यकर्ता निकले, अब समझ आया पत्थरबाजी कौन करता है ?https://t.co/f5RmdjN71c pic.twitter.com/mTDqN5F40U
— Nigar Parveen (@NigarNawab) January 24, 2023
इस बीच डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) देख रहे छात्रों ने आरोप लगया कि इस दौरान अंधेरे में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन लोगों पर पथराव किया है. जिसे लेकर वह हंगामा करने लगे. जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष का कहना है कि एबीवीपी ने पथराव किया है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है. वहीं, एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि क्या आरोप लगाने वाले इन लोगों के पास कोई सबूत है कि हमने पथराव किया? हमने कोई पथराव नहीं किया है.
छात्रों ने वसंत कुंज तक निकाला मार्च
#JNU में #BBCDocumentary की स्क्रीनिंग के दौरान हुए हंगामे के बाद छात्र वसंत कुंज पुलिस थाने की ओर मार्च करते हुए.
"पुलिस कह रही है कि जेएनयू में मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है. इसलिए हम अब पुलिस थाने जा रहे हैं." जेएनयूएसयू अध्यक्ष आयशी घोष pic.twitter.com/ZjfQa2GO69
— Newslaundry Hindi (@nlhindi) January 24, 2023
डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) के प्रदर्शन के बाद स्थितियां बिगड़ती देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला ली. इससे नाराज छात्रों के लेफ्ट गुट ने कैंपस से वसंत कुंज तक विरोध मार्च निकाला. जिसके बाद पुलिस की एक टीम देर रात कैंपस भी पहुंची और छात्रों की शिकायत दर्ज की.
इस मामले में अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है. पुलिस की ओर से पथराव की पुष्टि नहीं की गई. दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर हमे जेएनयू की तरफ से कोई शिकायत मिलेगी तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
भारत सरकरा पहले ही लगा चुकी है बैन
गौरतलब है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने गुजरात दंगों पर ‘द मोदी क्वेश्चन’ (The Modi Question) नाम से डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) बनाई थी. जिसको लेकर भारत सरकार की ओर से गंभीर सवाल खड़ा किया गया था. वहीं, विदेश मंत्रालय ने इसे देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा और साजिश बताया था.
केंद्र सरकार की तल्खी के बाद डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब और ट्विटर पर ब्लॉक भी कर दिया गया था. हालांकि, कई डार्क वेबसाइट्स पर यह (BBC Documentary) अभी भी मौजूद है. बता दें कि इस सीरीज के पहले पार्ट में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर और गुजरात दंगा 2002 को दिखाया गया था. जिसपर सरकार ने आपत्ति जताई थी.