May 8, 2024

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जामा मस्जिद के तालिबानी फरमान की देश भर में निंदा, दिल्ली महिला आयोग ने इमाम को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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Swati Maliwal on Women Entry Ban In Jama Masjid

Women Entry Ban In Jama Masjid: दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में लड़कियों को अकेले प्रवेश करने पर बैन (Women Entry Ban In Jama Masjid) लगा दिया गया है. इस मामले में आज गुरुवार 24 नवंबर मस्जिद के बाहर एक फरमान चस्पा किया गया.

जिसमें कहा गया कि- ‘‘जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है.’’  इस तालिबानी फरमान के सामने आते ही देशभर में इसकी निंदा की जा रही है.  वहीं, दिल्ली की महिला आयोग अध्यक्ष ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

किसी को टाइम देकर यहां आन गलत- मस्जिद पीआरओ

मस्जिद में लड़कियों के अकेले जाने पर रोक लगाने (Women Entry Ban In Jama Masjid) के पीछे मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान ने अजीबो-गरीब बयान दिया है. सबीउल्‍लाह खान ने कहा, ‘जो अकेली लड़कियां यहां आती हैं, लड़कों को टाइम देती हैं, यहां आकर के गलत हरकतें करती हैं, वीडियो बनाई जाती हैं, उस चीज को रोकने के लिए इसपर पाबंदी लगाई गई है.’

खान ने कहा कि ‘आप अपनी फैमिली के साथ आएं, कोई पाबंदी नहीं हैं. मैरिड कपल्‍स आएं, कोई पाबंदी नहीं हैं. लेकिन किसी को टाइम देकर यहां आना, इसको मीटिंग पॉइंट समझ लेना, पार्क समझ लेना, टिकटॉक वीडियोज बनाना, डांस करना… ये किसी भी धर्मस्‍थल के लिए मुनासिब नहीं है. चाहे वह मस्जिद हो, मंदिर हो या गुरुद्वारा.’

स्वाती मालीवाल ने शाही इमाम को जारी किया नोटिस

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर बैन (Women Entry Ban In Jama Masjid) के मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि- मस्जिदों इस तरह से महिलाओं की एंट्री बैन करना असंवैधानिक है. इस तरह का तालिबानी फरमान हिंदुस्तान में नहीं चलेगा.

मामले में स्वाति मालीवाल ने जामा मस्जिद के शाही इमाम को इस पूरे मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि इस तरह से महिलाओं की एंट्री बैन करने का किसी को हक नहीं है. जितना हक पुरुषों का है उतना ही हक महिलाओं का भी है.

कोई भी फैसला अंतिम नहीं- अमन कमेटी

वहीं, इस मामले (Women Entry Ban In Jama Masjid) पर जामा मस्जिद अमन कमेटी से जुड़े हुए एक शख्स शहजाद ने माना है कि यह फैसला पूरी तरह से सही नहीं है. शख्स ने कहा कि- कोई भी फैसला अंतिम फैसला नहीं है. इस फैसले पर जामा मस्जिद के इमाम साहब से बात की जाएगी. लड़कियों के साथ लड़कों का भी जिक्र होना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

जामा मस्जिद के इस शाही फरमान (Women Entry Ban In Jama Masjid) पर विश्व हिंदू परिषद् ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता विनोद बंसल (Vinod Bansal) ने इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट कर कहा कि- भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपंथी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे हैं, यह भारत है. यहां की सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर बल दे रही है.

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