राहुल गाँधी बोले गृह “मंत्री को इतिहास की जानकारी नहीं” नेहरू पर अमित शाह के बयान पर बोले राहुल गाँधी
Rahul Gandhi: संसद में गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से पंडित जवाहरलाल नेहरू पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बयान दिया है साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को कांग्रेस की नकल बताया।
राहुल गांधी ने संसद में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी करने को लेकर अमित शाह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “केंद्रीय मंत्री शाह के बयान से ऐसा लगता है कि उन्हें इतिहास की कोई जानकारी नहीं है।” राहुल गांधी ने ये भी कहा कि “इस तरह की बाते करके वो प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं, क्योंकि वो इन जरूरी मुद्दों पर बात करने से डरते हैं”
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अमित शाह को इतिहास का ज्ञान नहीं
राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “उन्हें संसद में अमित शाह की बाते सुनकर ऐसा लग रहा था कि उन्हें इतिहास की कोई जानकारी नहीं है। इसी के साथ राहुल ने ये भी कह दिया कि “वैसे भी उन्हें अमित शाह से इतिहास को ज्ञान की उम्मीद नहीं है, क्योंकि शाह हमेशा इतिहास का रिराइट करते रहते हैं। पंडित नेहरू भारत के लिए सालों तक जेल में रहे और उन्होंने देश के लिए अपनी जान तक दे दी थी।”
मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना
राहुल ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि “वो इस तरह की बाते करके सिर्फ मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। राहुल ने कहा कि “शाह जातीय जनगणना और देश का पैसा कहां जा रहा है? इस तरह के मुद्दे पर बात करने से बचते हैं और डरते हैं। भाजपा चाहे जितना मुद्दा भटकाने की कोशिश कर लें, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को आगे बढ़ाएगी और गरीबों का हक उन्हें दिलवा कर रहेगी।
छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री OBC
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री और उसके लिए भाजपा की पसंद पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “भाजपा ने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के रूप में एक ओबीसी को चुना है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का भी सीएम OBC ही था।” राहुल का मतलब था बीजेपी ने कांग्रेस की नकल करते हुए वोट बैंक के लिए OBC मुख्यमंत्री उतारा है।
अमित शाह का पंडित नेहरू को लेकर दिया गया बयान
अमित शाह ने कहा था कि “पंडित नेहरू की गलत नीतियों की वजह से ही कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि “भारत-पाकिस्तान” के बीच साल 1947-48 युद्ध में जब भारत की सेना जीत रही थी तब नेहरू ने युद्धविराम की घोषणा की। अगर तीन दिन बाद सीजफायर होता तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर आज भारत का हिस्सा होता।” वहीं, पंडित नेहरू से दूसरी गलती ये हुई कि “इस मुद्दे को वो संयुक्त राष्ट्र ले गए।”
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