कार्तिक पूर्णिमा 2022: तिथि, समय, अनुष्ठान और इसका महत्व, इस मंत्र का जाप माना जाता है सर्वोतम
Kartik Purnima 2022: हिंदू धर्म के अनुसार, पूर्णिमा के दिन उपवास करने से शरीर और मन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। पूर्णिमा व्रत के कुछ लाभों में शामिल हैं – शरीर के चयापचय को संतुलित करना, एसिड सामग्री को नियंत्रित करना, सहनशक्ति को बढ़ाना और पाचन तंत्र को साफ करना।
इस वर्ष नवंबर माह में आने वाली पूर्णिमा यानी की कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) के बारे मे हम आपको जानकारी देंगे ताकि आप अपनी योजनाएं समय से बना सके।
आध्यात्मिक गुरुओं ने पूर्णिमा के दिनों में लिया जन्म
कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन की जाने वाली पूजा पर्यवेक्षकों को महान पुण्य प्रदान करती है। इसलिए इस दिन सत्यनारायण पूजा जैसी विशेष पूजा की जाती है। कई आध्यात्मिक गुरुओं ने पूर्णिमा के दिनों में जन्म लिया जैसे सुब्रह्मण्य, दत्तात्रेय, बुद्ध, गुरु नानक, और अन्य।
कब से कब तक होता है व्रत
पूर्णिमा पर, भक्त ज्यादातर भगवान शिव या भगवान विष्णु, या देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूर्णिमा का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रमा के दर्शन के साथ समाप्त होता है।
ऊर्जा का प्रभाव
एक पूर्णिमा चंद्रमा के चार प्राथमिक चरणों में से तीसरा चरण है। पूर्णिमा तब होती है जब सूर्य और चंद्रमा 180° अलग हो जाते हैं। पूर्णिमा 100% बिजली दिखाती है और चंद्र ग्रहण के साथ गिर सकती है। इस पवित्र दिन पर ऊर्जा थोड़ी अधिक होती है।
कार्तिक पूर्णिमा व्रत
इस वर्ष नवंबर माह में आने वाली पूर्णिमा 8 नवंबर 2022, मंगलवार को है, यह कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) भी कहलाएगी।
महत्वपूर्ण मंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये सिद्धि सिद्धि श्रीं ह्रीं ह्रीं ओम महालक्ष्मी नमः। इस मंत्र का जप पूर्णिमा के दिन सर्वोत्तम माना जाता है।
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