अंग्रेज जमाने के कानूनों में केंद्र सरकार करेगी बड़े बदलाव, बलात्कार के आरोपियों की मिलेगी मौत की सजा
CRPC Amendment Bill : अग्रेजों के समय से चली आ रही कुछ कानूनों में अब केंद्र सरकार संसोधन करने जा रही है. लोकसभा (Lok Sabha) में चल रहे मानसून सत्र (Monsoon Session 2023) के आखिरी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कानून संबंधित तीन विधेयक पेश किये हैं. जिसमे ‘भारतीय न्याय संहिता 2023’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ शामिल है.
अमित शाह ने कहा कि इन तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजी जाएगी. अमित शाह ने कहा, आजादी के अमृतकाल की शुरुआत हो चुकी है. इस नए बिल के साथ आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट खत्म हो जाएंगे.
पीएम मोदी के पांच प्रणों में से एक
अमित शाह ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि आज जो मै तीन विधेयक (CRPC Amendment Bill) लेकर आया हूँ, यह पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के पांच प्रणों में से एक पूरा करने वाला है. इसके तहत अब इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह अब ‘भारतीय न्याय संहिता 2023’ होगा. क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ प्रस्थापित होगा. और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ प्रस्थापित होगा.’
अमित शाह ने कहा, इसको लेकर 18 राज्यों, 6 केंद्रशासित प्रदेश, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता से भी सुझाव लिए गए हैं. इन कानूनों का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को उनका अधिकार दिलाने का है. इसका उद्देश्य किसी को दंड देने का नहीं बल्कि लोगों को न्याय दिलाने का हैं.
भगोड़ों को सजा से बचने के लिए आना होगा भारत
अमित शाह ने देश के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम का उदाहरण देते हुए कहा कि वह काफी दिनों से भगौड़ा है. अब हमने तय किया है कि सत्र न्यायालय के जज किसी व्यक्ति के उपस्थित नहीं होने पर भी केस चला सकती है और फैसला सूना सकती है. चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो. अगर सजा से बचना है तो उन्हें भारत वापस आकर अपना केस लड़ना होगा. वही अलगाववाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है.
नाबालिगों के साथ बलात्कार के मामले में मौत की सजा
अमित शाह ने कहा, जिन मामलों में 7 साल व उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य होगा. वही मॉब लिंचिंग पर भी कानून लाया जाएगा और इसके तहत 7 साल के सजा का प्रवाधान होगा. यौन हिंसा के मामले में पीड़िता का बयान कंपलसरी किया गया है और पुलिस को 90 दिनों के अन्दर में स्टेटस देने के लिए कहा गया है. इसके अलावा नाबालिगों के साथ बलात्कार के मामले में मौत की सजा का प्रवाधान होगा.
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